Mahakal Mandir Ujjain: इस वर्ष विजयादशमी पर शाही ठाठ-बाट से निकलेगी महाकाल की सवारी, नए शहर का भ्रमण करेंगे बाबा

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देश भर में विजयादशमी की धूम है लेकिन महाकाल की नगरी उज्जैन में इसका अलग आनंद और उत्साह है. विजयादशमी के मौके पर 5 अक्टूबर को बाबा महाकाल की शाही सवारी निकलेगी। हर साल बाबा महाकाल की शाही सवारी दशहरे के दिन धूमधाम से निकाली जाती है। साल में एक बार राजा होने के नाते बाबा महाकाल शमी वृक्ष का पूजन करते हैं. जिसके लिये वे महाकाल मंदिर से ठीक शाम 4 बजे परंपरा अनुसार पूजन आरती पश्चात पुराने शहर होते हुए नए शहर की और पालकी में सवार होकर शमी वृक्ष के पूजन के लिए राजसी ठाठ बाट के साथ पहुंचते है.

शमी के वृक्ष का होगा पूजन

दशहरा मैदान स्थित शमी वृक्ष के नीचे बाबा को विराजमान कर एक साथ जिला कलेक्टर पूजन करते है. जिसके बाद जिलाधीश माथे से तलवार लगाते है और पुजारी शमी पत्र उड़ाते है. जिसे सब लोग लूटते हैं. राजा राम की विजय का पर्व इस तरह उत्साह से मनाया जाता है. प्रभु राम व महाकाल की सवारी का मिलन भी इस दिन विशेष रूप से देखने को मिलता है.

पुरानी है  परंपरा
दरअसल दशहरा पर्व पर भगवान महाकाल चांदी की पालकी में सवार होकर शमी वृक्ष का पूजन करने दशहरा मैदान शाही ठाठ बाट के साथ आते हैं. महाकाल मंदिर सभा ग्रह में पूजन के बाद ठीक शाम 4 बजे राजाधिराज की सवारी दशहरा मैदान के लिए रवाना होती है. सबसे पहले बाबा महाकाल को पुलिस बल द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर दिया जाता है. बाद में मंदिर से अलग-अलग मार्गों मालीपुरा, देवास गेट, टॉवरचौक, फ्रीगंज आदि स्थानों पर भक्त पुष्प वर्षा कर अवंतिकानाथ का स्वागत करते है. राजा के नए शहर में आगमन की खुशी में जमकर आतिशबाजी भी की जाती है.