भोपाल। मध्यप्रदेश राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने आदेश दिया है की मध्यप्रदेश में सरकारी अफसर और कर्मचारी अपनी नियुक्ति से संबंधित जानकारी नहीं छुपा सकते हैं। सरकारी विभागों व एजेंसियों को आरटीआई एक्ट के तहत यह जानकारी देनी होगी। राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने प्राइवेट स्कूल की जानकारी को गलत ढंग से रोकने पर शिक्षा विभाग के दो अधिकारियों पर कुल 20000 का जुर्माना भी लगाया है।
मध्यप्रदेश राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह के मुताबिक यह कार्यवाही जानकारी को गलत ढंग से रोकने के लिए की गई है। सिर्फ इतना ही राहुल सिंह ने यह भी स्पष्ट किया है कि शासकीय सेवा में नियुक्ति की प्रक्रिया पारदर्शी होने के लिए यह बेहद जरूरी है की नियुक्ति की जानकारी RTI के तहत दी जाए।
राहुल सिंह ने मामले में निर्णय देते हुए साफ किया कि नियुक्ति पत्र की जानकारी आरटीआई अधिनियम (RTI Act) के तहत देने से सरकारी भर्ती में होने वाली धांधली पर रोक लगेगी। राहुल सिंह ने अपने आदेश में कहा कि नियुक्ति पत्र और पदस्थापना की जानकारी आरटीआई एक्ट की धारा 2(i) के तहत रिकॉर्ड की श्रेणी में आती है और धारा 2(f) के तहत सूचना की श्रेणी में आती है।
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मध्यप्रदेश राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने कहा कि, आम नागरिकों और अभिभावकों को यह जानने का हक है कि उनके बच्चे जिस प्राइवेट स्कूल में पढ़ रहे हैं वे शासन द्वारा निर्धारित कानून के तहत संचालित हो रहे हैं या नहीं। शासन-प्रशासन में उपलब्ध प्राइवेट स्कूलों के मान्यता संबंधी दस्तावेजों की पारदर्शिता के मापदंड के अनुरूप आम आदमी को उपलब्ध कराया जाना चाहिए ताकि प्राइवेट स्कूल को संचालित करने वाली प्रशासनिक व्यवस्था में कसावट सुनिश्चित हो सके।
राहुल सिंह ने कहा कि ये स्पष्ट है कि मान्यता संबंधी जानकारी सरल एवं सुलभ स्वरूप में शिक्षा विभाग के पहुंच में हैं। कोई भी आम आदमी अगर आरटीआई दायर करके निजी स्कूलों की मान्यता संबंधी जानकारी मांगता है तो शिक्षा विभाग के लोक सूचना अधिकारियों को धारा 7 (1) के तहत 30 दिन के अंदर आरटीआई आवेदक को की जानकारी उपलब्ध करानी चाहिए।