आय से अधिक संपत्ति केस में लोकायुक्त की जांच जारी, भूपेंद्र सिंह मंत्री पद से दें इस्तीफा: रानी अग्रवाल

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नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले में लोकायुक्त जांच को लेकर आम आदमी पार्टी की प्रदेश अध्यक्ष रानी अग्रवाल ने प्रदेश सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि सरकार के मंत्रियों की आय से अधिक संपत्ति बताती है कि प्रदेश में भ्रष्टाचार की बेल कहां तक फैली है।

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मंत्रियों की संपत्ति बेहिसाब बढ़ी है। प्रदेश के मंत्री बताएं कि 5 साल में उनके हाथ ऐसा कौन सा कुबेर का खजाना हाथ लगा जिसके कारण उनकी संपत्ति कई गुना बढ़ गई। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग को समय समय पर दिए गए मंत्री भूपेंद्र सिंह के शपथ पत्रों से साफ है कि 2008 में उनकी संपत्ति 1.10 करोड़ थी। जबकि 2018 में दिए शपथ पत्र में 7.67 करोड़ रुपये हो गई। जाहिर है कि लोकसेवक के पद पर रहते हुए भूपेंद्र सिंह की अचल संपत्ति कई गुना बढ़ गई। भूपेंद्र सिंह की चल संपत्ति 2013 में 1.30 करोड़ और साल 2018 में 2.86 करोड़ बताई गई यानि 5 साल में दोगुनी से भी ज्यादा हो गई।

 

 

आप की प्रदेश अध्यक्ष और सिंगरौली महापौर रानी अग्रवाल ने कहा कि मंत्री भूपेंद्र सिंह के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले में लोकायुक्त ने जांच शुरू कर दी है लेकिन अबतक केस दर्ज नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार अपने मंत्री को बचाने में जुटी है। लोकायुक्त मंत्री भूपेंद्र सिंह के खिलाफ केस दर्ज कराए और निष्पक्ष जांच करे। रानी अग्रवाल ने नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह के इस्तीफे की भी मांग की। उन्होंने कहा कि भूपेंद्र सिंह के मंत्री पद पर रहते हुए निष्पक्ष जांच नहीं हो सकती है। मंत्री भूपेंद्र सिंह जांच को प्रभावित कर सकते हैं इसलिए उन्हें अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए या फिर मुख्यमंत्री अपने मंत्री पर लगे आरोपों के बाद उन्हें बर्खास्त करें।

 

आप की प्रदेश अध्यक्ष रानी अग्रवाल ने कहा कि दिल्ली के मंत्रियों मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन के खिलाफ बीजेपी के झूठे आरोपों पर ED और CBI उनको गिरफ्तार कर लेती है। लेकिन मध्य प्रदेश में भाजपा के मंत्री के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जाती। क्या आय से अधिक संपत्ति के मामले में केंद्र सरकार भाजपा के मंत्री के खिलाफ जांच कराएगी।रानी अग्रवाल ने कहा कि आय से अधिक संपत्ति के मामले में मंत्री भूपेंद्र सिंह के खिलाफ केस दर्ज हो। उन्हें मंत्री पद से हटाया जाए और लोकायुक्त निष्पक्ष जांच करे।