नई दिल्ली: देश के वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज प्रेस वार्ता के चलते कोरोना संकट में पटरी से उतर गई अर्थव्यवस्था को सही रास्ते पर लाने के लिए एक और राहत पैकेज देने का ऐलान किया है। आपको बता दे, सरकार की तरफ से यह ऐलान ठीक ऐसे समय पर आ रहा है जब कुछ दिन पहले ही प्रोडक्शन-लिंक्ड इन्सेन्टिव्स स्कीम को कैबिनेट से मंजूरी मिली है। वहीं वित्त मंत्री ने सबसे पहले आत्मर्निभर भारत योजना के तहत किये गये ऐलान के प्रोग्रेस के बारे में जानकारी देते हुए प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि हाल के आंकड़े अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेत दे रहे हैं। वहीं मोदी सरकार ने आत्मनिर्भर भारत 3.0 का ऐलान कर दिया है।
आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना की शुरुआत की गई है ताकि नये रोजगार का सृजन हो सके। मूडीज ने भी कैलेंडर ईयर 2020 और 2021 के भारत के जीडीपी ग्रोथ का अनुमान बढ़ा दिया है। शेयर बाजार में लगातार तेजी देखने को मिल रही है। बैंकों के क्रेडिट ग्रोथ में 5.1 फीसदी की तेजी देखने को मिली है। अर्थव्यवस्था को लेकर RBI का अनुमान भी तीसरी तिमाही के लिए पॉजिटिव है।
आगे उन्होंने बताया कि उरिकवरी यह वृद्धि सतत ग्रोथ को दर्शाता है। आत्मर्निभर भारत 1.0 के बारे बताते हुए उन्होंने कहा कि 28 राज्य व केंद्र शासित प्रदेश ‘एक राष्ट्र, एक राशन कार्ड’ योजना के साथ आए हैं। पीएम स्वनिधि योजना के तहत 26.2 लाख लोन आवेदन किए गए है। जीएसटी कलेक्शन जैसे कई आंकड़े बेहतर आये हैं।
रिजर्व बैंक ने यह संकेत दिया है कि तीसरी तिमाही में ही इकोनॉमी पॉजिटिव जीडीपी ग्रोथ हासिल कर सकती है। रेलवे में माल ढुलाई में 20 फीसदी बढ़ी है, बैंक कर्ज वितरण में 5 फीसदी की बढ़त हुई। एफपीआई का नेट निवेश भी सकारात्मक रहा है। बता दे, वित्त मंत्री ने आगे कहा कि आत्मनिर्भर भारत के तहत उठाये गये कदमों से मजदूरों को काफी फायदा हुआ है। इसी तरह किसानों को राहत देने के प्रयासों का भी अच्छा नतीजा आया है।
आत्मनिर्भर भारत के तहत ईसीएलजीस स्कीम के तहत 61 लाख लोगों ने लाभा उठाया है। जिसमें आत्मनिर्भर भारत के तहत ईसीएलजीस स्कीम के तहत 61 लाख लोगों ने लाभा उठाया है। इनकम टैक्स विभाग ने सक्रियता और तेजी दिखाते हुए 1.32 लाख करोड़ रुपये का रिफंड दिया है। जानकारी के मुताबिक, इस पैकेज को तैयार करने के लिए इंडस्ट्री चैंबर्स और कॉरपोरेट जगत की राय ली गई है। साथ ही बताया गया है कि इस पैकेज के बारे में विस्तृत जानकारी नहीं दी लेकिन कहा कि इसका मकसद परेशान सेक्टर को राहत देना होगा। साथ ही इसमें रोजगार सृजन पर जोर होगा।