आप भी गए हैं जगन्नाथ रथ यात्रा, तो पुरी की इन जगहों को भी करे एक्सप्लोर, जन्नत का होगा एहसास

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By Srashti BisenPublished On: June 27, 2025
Jagannath Rath Yatra

हर साल ओडिशा के पुरी शहर में आयोजित होने वाली श्री जगन्नाथ रथ यात्रा न केवल एक धार्मिक आयोजन है, बल्कि यह आध्यात्मिक ऊर्जा और सांस्कृतिक विरासत का भी अनुपम संगम प्रस्तुत करती है। इस वर्ष यह यात्रा आज (27 जून) से शुरू हो चुकी है, जिसमें देश-विदेश से लाखों भक्त शामिल होकर भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा के भव्य रथों को खींचते हुए उत्सव में भाग लेते हैं।

पूरे शहर में श्रद्धा, उल्लास और एकता का माहौल देखने को मिलता है। लेकिन पुरी सिर्फ मंदिरों का शहर नहीं है, बल्कि इसके आसपास कई ऐसी जगहें भी हैं जो प्रकृति प्रेमियों, कला-प्रेमियों और इतिहास के शौकीनों के लिए खास अनुभव लेकर आती हैं।

पुरी की इन जगहों को भी करे एक्सप्लोर

पुरी का समुद्र तट

पुरी के मुख्य मंदिर के नजदीक स्थित समुद्र तट भक्तों के लिए एक आदर्श स्थल है, जहां सुबह और शाम की सैर बेहद मनमोहक होती है। यहां सूर्यास्त का दृश्य मन को मंत्रमुग्ध कर देता है और स्थानीय कलाकारों द्वारा बनाई गई रेत की मूर्तियां पर्यटकों का ध्यान आकर्षित करती हैं। मंदिर दर्शन के बाद समुद्र में स्नान को पवित्र माना जाता है, जो आध्यात्मिक शुद्धि का अनुभव कराता है।

चिल्का झील

पुरी से लगभग 50 किलोमीटर दूर स्थित चिल्का झील भारत की सबसे बड़ी खारी जल की झील है, जो अपनी प्राकृतिक छटा और जीव-जंतुओं की विविधता के लिए प्रसिद्ध है। यहां की नाव यात्रा पर्यटकों को न केवल प्रकृति के करीब ले जाती है, बल्कि अवसर मिलने पर आप इरावदी डॉल्फिन का भी आनंद उठा सकते हैं। सर्दियों के मौसम में माइग्रेटरी पक्षियों की भरमार इसे पक्षी प्रेमियों का स्वर्ग बनाती है।

कोणार्क सूर्य मंदिर

पुरी से लगभग 35 किलोमीटर दूर स्थित कोणार्क सूर्य मंदिर एक विश्व धरोहर स्थल है, जो यूनेस्को की सूची में भी शामिल है। यह मंदिर सूर्य देव को समर्पित है और अपने विशाल रथ के आकार और जटिल पत्थर की नक्काशी के लिए विश्व प्रसिद्ध है। यह मंदिर न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि भारतीय शिल्पकला की उत्कृष्टता का भी प्रतीक है, जिसे देखना हर पर्यटक के लिए अनिवार्य है।

रघुराजपुर कलाकार गांव

पुरी से लगभग 1520 किलोमीटर दूर स्थित रघुराजपुर गांव ओडिशा की पारंपरिक लोक कला का केंद्र माना जाता है। यह गांव अपनी पट्टचित्र, तसर पेंटिंग और ताड़पत्र चित्रकला के लिए प्रसिद्ध है। यहां के हर घर में कला की एक अलग दुनिया बसी हुई है, जहां आप स्थानीय कलाकारों को उनके हुनर के साथ काम करते देख सकते हैं और उनकी कलाकृतियों को खरीद भी सकते हैं। यह गांव कला प्रेमियों और सांस्कृतिक विरासत में रुचि रखने वालों के लिए एक यादगार अनुभव प्रदान करता है।