Hindu Belief : मरने के बाद क्यों बांधी जाती है पैरों की उंगलियां? जानें वजह

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By Raj RathorePublished On: March 16, 2025
Hindu Belief

Hindu Belief : हिंदू धर्म में किसी भी व्यक्ति की मृत्यु के बाद उसका अंतिम संस्कार किया जाता है। लेकिन अंतिम संस्कार से पहले कई रीति रिवाज को भी पूरा किया जाता है जिससे आत्मा को पूरी तरह से शांति मिल सके और आत्मा वापस से शरीर में प्रवेश न कर सके। उसके बाद ही अंतिम संस्कार की क्रिया होती है। आज हम आपको मृत्यु के बाद व्यक्ति के पैरों की उंगलियों को क्यों बांधा जाता है उसके बारे में बताने जा रहे हैं तो चलिए जानते हैं विस्तार से –

जैसा की आप सभी जानते हैं मृत्यु का भय हर इंसान को रहता है। मृत्य के भय की वजह से आत्मा इंसान के शरीर को ना छोड़ने का मोह बांध लेती है। लेकिन मृत्यु के बाद आत्मा को शरीर से दूर रखने के लिए कई रीती रिवाज पूर्ण किए जाते हैं। जिसमें सबसे पहला रिवाज मौत के बाद व्यक्ति के पेरो की उँगलियों को बांधना होता है। अक्सर लोगों के दिमाग में इसको लेकर सवाल खड़े होते हैं कि आखिर ऐसा क्यों किया जाता है। आप भी ऐसा सोचते होंगे तो चलिए जानते हैं।

इसलिए बांधी जाती है पैरों की उंगलियां

Hindu Belief : मरने के बाद क्यों बांधी जाती है पैरों की उंगलियां? जानें वजह

कहा जाता है कि इंसान के शरीर में कुल सात चक्र होते हैं, उनमें से एक चक्र मुलधार चक्र है। यह चक्र व्यक्ति के शरीर के गुप्तांग और मूल द्वारा के बीच होता है। इस चक्र को एक तरह का द्वारा माना जाता है। इसलिए सबसे पहले मृत्यु के बाद मुलधार चक्र को सख्त करने के लिए पैरों की उंगलियों को धागे से बांध दिया जाता है। दरअसल मूलधार चक्र एक द्वारा की तरह काम करता है और ऐसा कहा जाता है कि इसी द्वारा से शरीर के अंदर नकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश होता है।

इसी वजह से मृत्यु के बाद व्यक्ति के दोनों पैरों के अंगूठे को आपस में बांधकर इसे सख्त किया जाता है, ताकि शरीर में वापस से आत्मा का प्रवेश न हो सके और ना ही कोई नकारात्मकता प्रवेश कर सके। पैरों के अंगूठे को धागे से कस कर बांधने की वजह से ही व्यक्ति के शरीर में गलत आत्मा प्रवेश नहीं कर पाती है। यह मूलाधार चक्र को ब्लॉक करने के लिए किया जाता है।

ज्योतिषों के मुताबिक मूलधार चक्र से ही जीवन की शुरुआत होती है। इस शरीर का सबसे गर्म भाग माना जाता है। कहा जाता है कि व्यक्ति की मृत्यु के बाद उसका शरीर पूरी तरह से ठंड पड़ जाता है, लेकिन एक मूलाधार चक्र ही ऐसा भाग है जो पूरी तरह से गर्म रहता है।

मृत्यु के बाद भी जैसा कि आप सभी जानते हैं हर व्यक्ति का जीवन से काफी ज्यादा मोह होता है। ऐसे में मृत्यु के बाद अपने शरीर को त्यागना आत्मा के लिए थोड़ा कठिन होता है। आत्मा इसे स्वीकार नहीं कर पाती है, इसलिए वह बार-बार शरीर में प्रवेश करने का प्रयास करती है और ऐसा नहीं होने देने के लिए ही पैरों के अंगूठे को बांधा जाता है।