देश की राजधानी दिल्ली AllMS अस्पताल के मरिजों का डेटा कुछ दिन पहले हैक कर लिया गया था। इसके बाद अब तमिलनाडू के सबसे बड़े ह़ॉस्पिटक का भारी संख्या में हैक कर लिया गया है। इसके बाद इस डाटा को Dark Web की साइट पर बेच दिया गया है। इसमें मरीजों की जानकारियों के साथ-साथ मरीजों के परिजनों की जानकारियां भी शामिल थी। अब यह मामला गहन चिंता का विषय बन गया है।
इस हॉस्पिटल का डेटा हुआ लीक
डार्क वेब पर तमिलनाडू के श्री सरन मेडिकल सेंटर का मामला है। 22 नवंबर 2022 को XVigil ने डार्क वेब पर एक विज्ञापन देखा, जिसमें हजारों लोगों का सेंसिटिव डेटा बेचा जा रहा था। हैकर्स ने इसका एक सैंपल भी साइबर फर्म को दिया। ये सैंपल डेटा की ऑथेंटिसिटी चेक करने के लिए दिया गया था और जब इसकी जांच हुई तो डेटा श्री सरन मेडिकल सेंटर का निकला।
डेटा हुआ लीक में ये अहम जानकारियां है शामिल
इस डेटा में तमिलनाडु के नामी हॉस्पिटल के मरीजों का रिकॉर्ड शामिल था। इसमें साल 2007 से 2011 तक के मरीजों की डिटेल्स मौजूद हैं। डेटा सेट में 1.5 लाख पेसेंट्स का रिकॉर्ड शामिल है। इसमें मरीजों का नाम, उनके गार्जियन का नाम, डेट ऑफ बर्थ, डॉक्टर की डिटेल्स और ऐड्रेस जैसी जानकारियां शामिल हैं।
ये डेटा थर्ड पार्टी वेंडर की ओर से लीक हुआ है, जिसका नाम थ्री क्यूब आईटी लैब बताया जा रहा है। इसकी जानकारी CloudSEK ने दी है। मामले की जानकारी सभी स्टेकहोल्डर्स को दे दी गई है। Three Cube IT Lab से चोरी किए गए डेटा को एक पॉपुलर साइबरक्राइम फोरम पर बेचा जा रहा है। इसके लिए टेलीग्राम चैनल का भी यूज हो रहा है।
कैसे लीक हुई जानकारी?
मामले की जानकारी देने वाली फर्म का कहना है कि, Three Cube IT Lab हॉस्पिटल के लिए सॉफ्टवेयर वेंडर का काम करता है या नहीं, इसकी कोई डिटेल नहीं है। वहीं ये डेटा कैसे लीक हुआ है ये अभी साफ नहीं है।
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फर्म एक्जीक्यूटिव्स की मानें तो ये सप्लाई चेन अटैक का केस हो सकता है। डार्क वेब पर इसका डेटा 100 डॉलर में बेचा जा रहा है। वहीं एक्सक्लूसिव ओनरशिप के लिए साइबर क्रिमिनल्स 300 डॉलर की डिमांड कर रहे हैं।
फर्म ने जब सैंपल में शेयर किए गए डेटा को क्रॉस चेक किया है, तो उसे सही पाया। एक डॉक्टर का नाम सर्च करने पर पता चला कि वो श्री सरन मेडिकल सेंटर में काम करता है।
क्या होता है डार्क वेब
डार्क वेब इंटरनेट की दुनिया को वो हिस्सा है, जहां कई अवैध काम होते हैं. इस जगह तक आप सामान्य ब्राउजर की मदद से नहीं पहुंच सकते हैं. यहां तक पहुंचने के लिए आपको स्पेशलाइज्ड ब्राउजर की जरूरत पड़ती है. सामान्य तौर पर इस दुनिया के वेब पेज और वेबसाइट्स तक आप गूगल या बिंग जैसे सर्च इंजन की मदद ने पहुंच नहीं सकते हैं.
चूंकि यहां कम लोग पहुंचते हैं, इसलिए साइबर अपराधी यहां पर अपना कारोबार चलाते हैं. डार्क वेब को खतरनाक माना जाता है और सामान्य लोगों को इसमें जाने की सलाह नहीं दी जाती है. इसकी कई वजह हैं.
यहां आप फ्रॉड, हैकिंग या सरकारी मॉनिटरिंग का शिकार हो सकते हैं. कभी डार्क वर्ल्ड में सिर्फ हैकर्स, लॉ इंफोर्समेंट ऑफिसर्स और साइबर क्रिमिनल्स का दबदबा होता था. हालांकि, कब यहां पहुंचना पहले से ज्यादा आसान है.