भागवत कथा में मना कृष्ण जन्मोत्सव, मातृशक्तियों ने गाए मंगल गीत, भजनों पर झूमे भक्त

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भजन, गुरू और इष्ट इन तीनों को कभी नहीं छोडऩा चाहिए- पं. कमलकिशोर नागर

इंदौर 5 अप्रैल। भजन केवल भगवान ही है। जीवन में तब तक भजन करना जब तक भजन भगवान नहीं बन जाए। भजन, गुरु और इष्ट इन तीनों को कभी नहीं छोडऩा चाहिए। जिस प्रकार सफर में लगेज साथ चलता हैं उसी तरह जीवन के अंतिम पड़ाव तक इन तीनों को लगेज की माफिक साथ रखना चाहिए। जब भी अच्छा समय आए जीवन में तो अच्छे कार्य कर लेना चाहिए। उन्होंने पारस पत्थर का उदाहरण देते हुए कहा कि पारस पत्थर के संपर्क में जो भी वस्तु आती हैं उसे वह सोने में परिवर्तित कर देता है, उसी प्रकार भागवत का श्रवण करने मात्र से ही जीव को ज्ञान की अनुभूति हो जाती है और भागवत उस जीव को सोना बना देती है।

उक्त विचार शुक्रवार को गोम्मटगिरी जम्बूर्डी हप्सी स्थित गोवर्धन गौशाला की कदम वाटिका में आयोजित सात दिवसीय भागवत कथा के चौथे दिन की कृष्ण जन्मोत्सव प्रसंग की व्याख्या करते हुए मालवा माटी के संत पं. कमलकिशोर नागर ने व्यक्त किए। उन्होंने कथा में आगे कहा कि सारी दुनिया मान और पान में उलझी हुई है। जबकि मान का नियम है पाओ और फेंको तथा पान का नियम है खाओ और थूको। देवता और दानव एक ही पिता की संतान हैं इनमें कोई अंतर नहीं है। जो भगवान की शरणागति पाता हैं उससे कभी भेदभाव नहीं करते। भगवान ने समुद्र मंथन में देवताओं और दानवों को बराबरी से अवसर दिया। सारा दोष तो प्रभु से अलग होने से होता है। अगर उससे अलग नहीं हुए तो सब कुछ आपका ही है।

श्रीमद् भागवत कथा आयोजक परमानंद गेहलोत, मुकेश गेहलोत एवं जयेश गेहलोत ने बताया कि भागवत कथा में कृष्ण जन्मोत्सव की खुशियां मनाई गई। इस दौरान पात्र बने कलाकारों ने सभी का अपनी ओर ध्यानाकर्षण किया साथ ही भक्तों व श्रद्धालुओं ने कृष्ण के जन्मोत्सव की खुशियां माखन-मिश्री का भोग लगाकर मनाई। महिलाओं ने इस अवसर पर मंगल गीत भी गाए वहीं भागवत कथा के दौरान पं. कमलकिशोर नागर ने अपने भजनों की प्रस्तुति से सभी श्रद्धालुओं को थिरकने पर विवश कर दिया। शुक्रवार को भागवत कथा में व्यासपीठ का पूजन सांसद शंकर लालवानी, अक्षय कांतिलाल बम, श्रवण चावड़ा, सुरेंद्र सोलंकी, सरपंच ज्ञानसिंह पटेल, कैलाश मिश्रा सहित यजमान परिवार ने किया।

श्रीमद् भागवत कथा गोवर्धन गौशाला समिति के सरदारसिंह सोलंकी, विनोद सोलंकी एवं संतोष नीमचा ने बताया कि भागवत कथा में अनंत धर्मशाला ट्रस्ट हरिद्वार के बहादुरसिंह पंवार, चंद्रसिंह, योगेंद्र जी, पंकज, दिलीप ठाकुर ने गेहलोत परिवार का सम्मान भी किया। गोम्मटगिरी जम्बूर्डी हप्सी की कदम वाटिका में आयोजित भागवत कथा 12 से 3 बजे तक आयोजित होगी। जिसमें विभिन्न प्रसंगों पर गौ सेवक संत पं. कमलकिशोर नागर भागवत कथा का रसपान भक्तों को कराएंगे। कथा में प्रतिदिन इन्दौर, उज्जैन, देवास, रतलाम सहित मालवा-निमाड़ के लाखों श्रद्धालु कथा स्थल पहुंच रहे हैं। सोमवार 8 अप्रैल को भागवत कथा का समापन होगा। वहीं समापन अवसर पर हवन कुंड में आहुतियां भी भक्तों व यजमान परिवार द्वारा समर्पित की जाएगी।