Shri Anna Yojana: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन (Nirmala Sitharaman) ने 1 फरवरी को यूनियन बजट पेश किया जिसमे उन्होंने ‘श्री अन्न योजना’ का भी जिक्र किया था. अपने भाषण में वित्त मंत्री ने जानकारी देते हुए कहा था कि भारत मोटे अनाज का सबसे बड़ा उत्पादक और निर्यातक देश है. ऐसे में मोटे अनाज की खेती करने वाले किसानों को सरकार से प्रोत्साहन की जरूरत है. मोटे अनाज को श्री अन्न कहा जाता है. देश में श्री अन्न की पैदावार और खपत को बढ़ाने के लिए सरकार ने ‘श्री अन्न योजना’ की शुरुआत करने का फैसला किया है. वित्त मंत्री ने कहा है कि इस योजना के तहत आईसीएमआर में मोटे अनाज के बेहतर पैदावार के लिए विश्व स्तर का केंद्र बनाया जाएगा.
क्या है श्री अन्न?
पुराने समय में भारत में मोटे अनाज जैसे ज्वार, बाजरा, कुट्टू, सामा, चीनी, रामदाना आदि की पैदावार ज्यादा होती थी लेकिन समय के साथ ही इसमें कमी आती जा रही है और गेंहू और चावल की खपत में इजाफा हुआ है. इस तरह के मोटे अनाज को श्री अन्न कहते हैं. श्री अन्न की खपत सबसे ज्यादा सर्दियों के मौसम में होती है. यह खाने में स्वादिष्ट और पौषटिक भी होते हैं. इस मामले पर केंद्रीय कृषि मंत्री ने ट्वीट करके कहा है कि मिलेट्स एक बेहद स्वादिष्ठ सुपर फूड है जिसके जरिए देश को छोटे किसानों को बड़ा लाभ मिलेगा. मोदी सरकार की श्री अन्न योजना से मोटे अनाज को नई पहचान मिलेगी.
श्री अन्न योजना (Shri Anna Yojana) से किसानों को कैसे मिलेगा फायदा ?
सरकार द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार देश में मोटे अनाज के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए श्री अन्न योजना की शुरुआत की गई है. इस योजना के तहत सरकार किसानों को मोटे अनाज की उपज के लिए आर्थिक और कृषि संबंधित मदद देगी. इससे भारत दुनिया के श्री अन्न का ग्लोबल लीडर के रूप में उभरेगा. इसके साथ ही श्री अन्न पर रिसर्च करने के लिए हैदराबाद के भारतीय बाजरा अनुसंधान संस्थान को सेंटर ऑफ एक्सिलेंस बनाया जाएगा.
ध्यान देने वाली बात ये है कि संयुक्त राष्ट्र ने साल 2023 को इंटरनेशनल मिलेट्स ईयर के रूप में मनाने का तय किया है. श्री अन्न की खासियत यह होती है कि इसकी पैदावार में किसानों को कम लागत और कम पानी की जरूरत होती है. इसके साथ ही इसमें किसानों को तगड़ा रिटर्न मिलता है. ऐसे में सरकार इन श्री अन्न की पैदावार में बढ़त करके किसानों की आय को दोगुना करना चाहती है.