जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की नज़रबंदी से रिहाई के बाद से प्रदेश में सियासी हलचल में जबरदस्त इजाफ़ा देखने को मिल रहा है. अब तक महबूबा मुफ्ती सहित अन्य विपक्षी दल गुपकार समझौतरे के संबंध में दो बैठकें कर चुके हैं. इनमे एक बैठक हाल ही में महबूबा मुफ्ती के घर हुई थी, जबकि इससे पहले की बैठक जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख़्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला के घर पर हुई थी. इसी बीच जम्मू कश्मीर के नेताओं के देश विरोधी बयान भी आने शुरू हो गए हैं. पहले फारूक अब्दुल्ला ने कहा था कि, भविष्य में हम चीन के साथ मिलकर अनुच्छेद 370 की बहाली चाहेंगे. जबकि हाल ही में महबूबा ने देश विरोधी बयान देते हुए कहा है कि वे कश्मीर के अलावा किसी अन्य झंडे को नहीं उठाएगी.
भारत के राष्ट्रीय ध्वज पर दिए जहरीले के बयान के कारण महबूबा चरों तरफ से घिर चुकी है. भारतीय जनता पार्टी ने महबूबा के इस जहरीले बयान को लेकर प्रदेश में हल्ला बोल दिया है. इस संबंध में भारतीय जनता पार्टी ने आज जम्मू कश्मीर में पीडीपी पार्टी के कार्यालय पर तिरंगा फहराकर महबूबा को साफ़ शब्दों में संदेश दे दिया है कि देश में केवल राष्ट्रीय ध्वज की ही बात होगी. महबूबा के मंसूबे पूरे नहीं होने दिए जाएंगे. इस दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं ने महबूबा के ख़िलाफ़ जमकर नारेबाजी की. भाजपा ने इस दौरान जमकर वंदे मातरम का जयघोष किया. साथ ही भारत माता की जय के नारे भी लगाए.
क्या कहा था महबूबा ने ?
महबूबा मुफ़्ती की सोच और कार्यशैली किस कदर देश विरोधी है इसे उनके इस हालिया बयान से साफ़ तौर से समझा जा सकता है. हाल ही में महबूबा ने कहा था कि जब तक हमारा झंडा वापस नहीं मिल जाता हम दूसरा झंडा नहीं उठाएंगे. बता दें कि अगस्त 2019 में मोदी सरकार द्वारा कश्मीर से अनुच्छेद 370 को समाप्त कर दिया गया था. इसी के साथ ही कश्मीरी झंडे का अस्तित्व भी समाप्त हो गया था.
हाल ही में रिहा हुई है महबूबा…
बता दें कि 5 अगस्त 2019 को भारत सरकार ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद समाप्त कर दिया था. इसके बाद से ही प्रदेश की पूर्व सीएम महबूबा मुफ़्ती नजरबंद थी. कुछ दिनों पहले ही महबूबा को 14 माह की नज़रबंदी के बाद रिहा किया गया है.