नई दिल्ली। भारत में अंतर्देशीय जलमार्गों के प्रचार और विकास पर नीति विचार-विमर्श के लिए सर्वोच्च संस्था इंलैंड वॉटरवेज डेवलपमेंट काउंसिल ने राष्ट्रीय जलमार्गों के इन्फ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देने के लिए बड़ी घोषणाएं की हैं
अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण, जो बंदरगाह, नौवहन और जलमार्ग मंत्रालय के अंतर्गत कार्यरत है, इसी के द्वारा आयोजित की दूसरी बैठक में अगले पांच वर्षों में 50,000 करोड़ से अधिक के निवेश की घोषणा की गई। इस बैठक में 21 अंतर्देशीय जलमार्ग वाले राज्यों के लिए 1400 करोड़ से अधिक की नई पहलों की शुरुआत की गई। इस बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय बंदरगाह, नौवहन और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने की।
इस अवसर पर सर्बानंद सोनोवाल ने कहा, “आईडब्ल्यूडीसी ने सहकारी संघवाद के लिए एक नया आयाम प्रस्तुत किया है, जहां केंद्र और राज्य सरकारों ने मिलकर अंतर्देशीय जलमार्गों को सुदृढ़ बनाने के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा और विचार-विमर्श किया। ऐतिहासिक रूप से, सभ्यताओं के विकास में अंतर्देशीय जलमार्गों की भूमिका महत्वपूर्ण रही है, लेकिन यह पहलू 2014 तक उपेक्षित रहा। हमारे माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में, हम रेल और सड़कों पर दबाव को कम करने और यात्रियों और मालवाहकों के लिए एक सस्ता, टिकाऊ, और कुशल परिवहन माध्यम प्रदान करने हेतु अंतर्देशीय जलमार्गों के सहायक तंत्र को पुनर्जीवित करने का प्रयास कर रहे हैं।”
केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने 1400 करोड़ से अधिक के निवेश के साथ 21 राज्यों में अंतर्देशीय जलमार्ग परिवहन नेटवर्क को बढ़ावा देने की शुरुआत की। अंतर्देशीय जहाजों की निर्बाध और सतत आवाजाही सुनिश्चित करने और उनकी सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए नेशनल रिवर ट्रैफिक एंड नेविगेशन सिस्टम लॉन्च किया गया है।
रोजगार सृजन और कौशल प्रशिक्षण पर जोर देते हुए, सर्बानंद सोनोवाल ने कहा, “अंतर्देशीय जलमार्ग परिवहन के उन्नयन के बड़े प्रोजेक्ट आज बैठक में पेश किए गए। देश में मजबूत नेटवर्क बनाने के लिए, सरकार सभी राष्ट्रीय जलमार्गों पर जहाज निर्माण और मरम्मत सुविधाएं विकसित करने की योजना बना रही है।”
हिमाचल प्रदेश में नदी सतलुज को चालू करने के लिए बाथिमेट्रिक सर्वेक्षण शुरू किया गया है। इसके साथ ही पंजाब में नदी ब्यास को चालू करने के लिए बाथिमेट्रिक सर्वेक्षण शुरू करने की घोषणा की गई। यह जानकारी केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने दी।
सोनोवाल ने नदी चिनाब और नदी रावी को पर्यटन के लिए चालू करने की घोषणा की। इसमें हिमाचल प्रदेश और पंजाब का हिस्सा शामिल होगा। इसके अलावा, सरकार नदी सतलुज को बाथिमेट्रिक सर्वे के लिए चालू करने की योजना बना रही है। लद्दाख में, नदी सिंधु पर दो जेटी और एक ग्रीन वेसल स्थापित किए जा रहे हैं।
उत्तर प्रदेश में, सरकार अंतर्देशीय जलमार्गों को बढ़ावा देने के लिए मथुरा में 8 फ्लोटिंग जेटी तथा अयोध्या में 2 स्टील जेटी समेत इलैक्ट्रिक कैटमैरन बनाने की योजना पर काम कर रही है। इसके अलावा, गाजीपुर में एक जहाज मरम्मत सुविधा भी तैयार की जाएगी ताकि जहाजों के खराब होने पर उनकी मरम्मत तथा अंतर्देशीय जहाजों के समय-समय पर रखरखाव कार्यों को कम समय में पूरा किया जा सके। छत्तीसगढ़ में, भद्रकाली (एनडब्ल्यू4) पर एक नदी क्रूज टूरिज़्म सुविधा का विकास किया जाएगा।
हिमाचल प्रदेश में, सतलुज नदी (एनडब्ल्यू98) को चालू करने की योजना है और इसके लिए बाथिमिट्रिक सर्वे का काम चालू हो गया है। साथ ही, पंजाब में ब्यास नदी (एनडब्ल्यू17) को जलमार्ग के तौर पर चालू करने के लिए भी बाथिमिट्रिक सर्वे का काम शुरू करने की घोषणा केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने की है।
राजस्थान में, जवाई-लूनी-कच्छ के रण नदी (एनडब्ल्यू48) पर यात्री एवं मालवाहन सुविधा शुरू करने की व्यावहार्यता की जांच के लिए एनटीसीपीडब्ल्यूसी ने मंजूरी दे दी है।
उधर, महाराष्ट्र में, दाभोल क्रीक-वाशिष्ठी नदी (एनडब्ल्यू28) को फेयरवे मेंटीनेंस के तौर पर इस्तेमाल करने के लिए विचार किया जा रहा है। साथ ही, दाभोल क्रीक-वाशिष्ठी नदी (एनडब्ल्यू28) और मुंबई में एनडब्ल्यू 53 पर कल्याण-ठाणे-वसई क्रीक-उल्हास नदी पर नौगम्यता सहायता शुरू की गई है। मुंबई में आईडब्ल्यूएआई का क्षेत्रीय कार्यालय खोलने की भी योजना है।
गुजरात में, नर्मदा (एनडब्ल्यू73) पर नदी क्रूज़ टूरिज़्म के लिए दो जेटी, तथा सूरत महल और डुमस बीच में तापी नदी (एनडब्ल्यू100) पर नदी क्रूज के लिए दो जेटी और तापी नदी (एनडब्ल्यू100) पर फेयरवे मेंटेनन्स की भी योजना है।
राष्ट्रीय जलमार्ग नेटवर्क को और मजबूत बनाने के उद्देश्य से केंद्रीय मंत्री ने दिल्ली में यमुना नदीह पर 2 जेटी स्थापित करने और जम्मू एवं कश्मीर में क्रूज़ टूरिज़्म तथा शहरी परिवहन के लिए झेलम नदी (एनडब्ल्यू49) पर 7 जेटी बनाने की भी घोषणा की है। हिमाचल प्रदेश एवं पंजाब में एनडब्ल्यू84 के एक हिस्से को भी शामिल किया जाएगा। सरकार सतलुज नदी (एनडब्ल्यू98) को बाथिमिट्रिक सर्वे के लिए चालू करने की योजना पर भी काम कर रही है। लद्दाख में सिंधु नदी (एनडब्ल्यू46) पर 2 जेटी तथा 1 ग्रीन वेसल निर्माणाधीन है।