इन्दौर: शारदा धाम के अध्यक्ष महत जुगल बाबा ने कहा कि ज्ञानवापी को मस्जिद कहना ठीक नहीं इसलिए की इस्लामिक मान्यताओं के अनुसार यदि कहीं भी किसी धर्मावलंबी की इबादत की जगह है, तो वहां मस्जिद नही बनाई जा सकती। अब तो सब कुछ आईने की तरह साफ है सैकड़ों प्रमाण है कि यह शिव का स्थान है।
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उन्होंने कहा कि मैं समझ नहीं पाता कि वैष्णोदेवी मंदिर पर सरकार नियंत्रण है, लेकिन हजरत बल पर नहीं, इसी तरह काशी विश्वनाथ मंदिर पर सरकारी नियंत्रण है, मगर ज्ञानवापी पर नहीं। श्री कृष्ण जन्मभुमि पर नियंत्रण है, मगर ईदगाह मस्जिद पर नहीं, यह कौनसा संविधान है ? संविधान का तो मतलब है समान विधान सबके लिए जो समान हो यह संविधान।
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मंहत जुगल बाबा का कहना है कि बेवजह औरंगजेब को महान बताने की औवेसी और विरम की कोशिस बैकार है कि उसने अपने भाई दाराशिकोह को कैसे मारा था। उन्होंने केन्द्र सरकार से अपील की है कि ऐसे मसलों को जल्दी ही निपटाने की व्यवस्था करे और उन सब पर सख्त कार्यवाई करे जो सम्प्रदाय विशेष का भडका रहे हैं।