आज इतिहास रचेगा ISRO, स्पेस में भेजेगा ये दो सेटेलाइट, जानें क्यों खास है ये मिशन

srashti
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भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) सोमवार रात दो उपग्रहों को लॉन्च करने जा रहा है, जिसका मुख्य उद्देश्य अंतरिक्ष में डॉकिंग और अनडॉकिंग की तकनीक का परीक्षण करना है। अगर यह मिशन सफल होता है, तो भारत अंतरिक्ष में यह उपलब्धि हासिल करने वाला चौथा देश बन जाएगा।

भारत बनेगा चौथा देश, अमेरिका, रूस और चीन के साथ मिलेगा स्थान

इस मिशन के सफल होने के बाद, भारत उन देशों के समूह में शामिल हो जाएगा जिन्होंने अंतरिक्ष में डॉकिंग तकनीक का सफलतापूर्वक उपयोग किया है। केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री, जितेंद्र सिंह ने बताया कि यह मिशन भारत के भविष्य के अंतरिक्ष मिशनों के लिए एक अहम कदम साबित होगा। इन मिशनों में पृथ्वी पर चंद्रमा से चट्टानें और मिट्टी लाना, प्रस्तावित भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन और चंद्रमा की सतह पर एक अंतरिक्ष यात्री को उतारने जैसे महत्वपूर्ण कार्य शामिल हैं। अब तक केवल अमेरिका, रूस और चीन ने ही अंतरिक्ष डॉकिंग तकनीक में महारत हासिल की है।

इसरो का स्पेडेक्स मिशन

इसरो के अधिकारियों के अनुसार, स्पेडेक्स मिशन का मुख्य उद्देश्य दो छोटे उपग्रहों, एसडीएक्स01 और एसडीएक्स02, की डॉकिंग और अनडॉकिंग तकनीक का परीक्षण करना है। यह दोनों उपग्रह लो-अर्थ ऑर्बिट (LEO) में एक साथ जुड़ेंगे। इस मिशन का दूसरा उद्देश्य यह साबित करना है कि डॉक किए गए उपग्रहों के बीच बिजली का ट्रांसफर कैसे किया जा सकता है, जो अंतरिक्ष में रोबोटिक्स, अंतरिक्ष यान नियंत्रण और पेलोड संचालन के लिए महत्वपूर्ण होगा।

SDX उपग्रह: उच्च-रिज़ॉल्यूशन कैमरा और मल्टीस्पेक्ट्रल पेलोड के साथ

एसडीएक्स01 उपग्रह में हाई रेजोल्यूशन कैमरा (HRC) लगा हुआ है, जो उच्च गुणवत्ता वाली तस्वीरें खींचने में सक्षम है। वहीं, एसडीएक्स02 उपग्रह में दो पेलोड मिनिएचर मल्टीस्पेक्ट्रल (MMX) और रेडिएशन मॉनिटर (रेडमॉन) हैं, जो प्राकृतिक संसाधन निगरानी, वनस्पति अध्ययन और कक्षा में विकिरण पर्यावरण माप प्रदान करेंगे। इन पेलोड्स का उपयोग भविष्य के अंतरिक्ष मिशनों में किया जा सकता है।