Indore परिवहन अधिकारी के खिलाफ शुरू हुई जांच, फर्जी प्रमाण के आधार पर जारी किया परमिट

इंदौर (Indore) : गणपति सिलेंडर टेस्टिंग कंपनी एवं शिव सिलेंडर टेस्टिंग कंपनी द्वारा फर्जी रूप से मैन्युअल सर्टिफिकेट परिवहन अधिकारियों की मिलीभगत से जारी कर हजारों वाहनों के फिटनेस एवं परमिट प्रमाण पत्र जारी कर दिए। जिसको लेकर एक शिकायत दर्ज की गई थी। इस शिकायत में परिवहन अधिकारी भोपाल कार्यालय के डिप्टी ट्रांसपोर्ट कमिश्नर ने पत्र जारी कर शिकायतकर्ता राजेश बिडकर के कथन के लिए बुलाया गया था।

बताया जा रहा है कि परिवहन अधिकारी इंदौर को कार्य में लापरवाही बरतने और भारत के गजट नोटिफिकेशन 2019 के आदेशों का उल्लंघन कर हजारों गाड़ियों के फिटनेस और परमिट जारी करने का गंभीर मामला सामने आया है। जिसमें पूरे रूप से सिलेंडर कंपनी और परिवहन अधिकारी को दोषी मन जा रहा है। साथ ही इसको लेकर उन पर केस भी दर्ज करवाया गया है। साथ ही महत्वपूर्ण दस्तावेज की एक फाइल भी सौंपी गई।

इसके अलावा ये भी मांग की गई कि जांच कर परिवहन अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई कर दंडित किया जाए। साथ ही सिलेंडर कंपनियों के खिलाफ विस्फोटक अधिनियम एवं धारा 420 के तहत कारवाई की जाए। अधिकारियों ने जांच को गंभीरता से लेते हुए कार्रवाई का आश्वासन दिया है।

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मात्र 800 रुपए में कंपनियों ने मैन्युअल सर्टिफिकेट जारी कर दिए। जबकि उन्हें ऑनलाइन सर्टिफिकेट जारी करना था। ये मामला इतना गंभीर होने के साथ नागरिक सुरक्षा से भी जुड़ा हुआ है। क्योंकि पिछली बार दो शिकायतें इस मामले में की गई थी।

लेकिन जांच में परिवहन अधिकारी इंदौर में कंपनी को क्लीन चिट कर देकर मामले को रफा-दफा कर दिया था। पुन्हा इस मामले में शिकायत मुख्यमंत्री मुख्य सचिव परिवहन मंत्री परिवहन सचिव इंदौर कलेक्टर एवं अन्य प्रशासनिक अधिकारियों से की गई थी मामले की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए जांच के पुनः आदेश हुए हैं।

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