कहते हैं विचारों की भव्यता का कद हर ऊंचाई से बड़ा होता है| महात्मा गांधी और विनोबा भावे के विचारों के अनुयायी “दादा साहब” के नाम से लोकप्रिय स्व. मोरेश्वर वामन मोघे (दादा सा) अपने विचारों और समाजसेवा के लिए जाने जाते हैं| हर साल 18 अक्टूबर को दादा सा की स्मृति में पागनिसपागा स्थित बाल निकेतन संघ में ख़ास आयोजन किए जाते हैं| जहाँ सांस्कृतिक कार्यक्रम के द्वारा एवं उनके विचारों को दोहरा कर उन्हें याद किया जाता है|
पिछले साल की ही तरह इस बार भी बाल निकेतन संघ में अंतर विद्यालयीन सामूहिक भजन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया l दादा सा की 21वी पुण्यतिथि पर शुक्रवार 18 अक्टूबर 2024 को संपन्न हुई इस भजन प्रतियोगिता में शहर भर से 18 विद्यालयों ने भाग लिया| प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार न्यू दिगंबर पब्लिक स्कूल, द्वितीय पुरस्कार लोकमान्य विद्या निकेतन, तृतीय पुरस्कार एडवांस एकेडमी ने प्राप्त किया। प्रोत्साहन पुरस्कार भवंस प्रॉमिनेन्ट स्कूल ने प्राप्त किया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शहर के प्रसिद्ध बांसुरी वादक एवं गायक चंचल जामदार, सेक्सोफोन वादक मनीषा यादव एवं गायिका गीतिका कुलकर्णी शामिल हुए जिन्होंने ने निर्याणक भूमिका निभाते हुए प्रथम स्थान प्राप्त करने वाली टीम को चलत मंजूषा, ट्रॉफी और सर्टिफिकेट प्रदान किए गए और बाकी विजेता टीम को ट्रॉफी और सर्टिफिकेट दिए गए l
दादा सा की स्मृति में होने वाले इस आयोजन में इस वर्ष भवंस प्रोमिनेन्ट, क्रिश्चियन एमिनेंट, एडवांस एकेडमी, वैष्णव हायरसेकेन्डरी स्कुल, पिंक फ्लावर, लोकमान्य विद्या निकेतन, द विध्यांजलि इंटरनेशनल, चमेली देवी पब्लिक स्कूल एवं न्यू दिगंबर पब्लिक स्कूल जैसे प्रतिष्ठित स्कूलों के बच्चों ने हिस्सा लिया l प्रतियोगिता में छात्रों ने ये चमक ये दमक…. बाजे रे मुरलिया…. हरि सुंदर मुकुंदा….जैसे भजनों की सुमधुर प्रस्तुति दी l
बाल निकेतन संघ की सचिव डॉ. नीलिमा अदमने, प्राचार्य संदीप धाकड़ एवं मुख्य अतिथियों ने उनका उत्साहवर्धन करते हुए बच्चों को पुरस्कार राशि भेंट की l कार्यक्रम के मुख्य अतिथि चंचल जामदार ने कहा , “मैं सदैव दादा साहेब की विचारधाराओं से गहराई से प्रेरित रहा हूं, और मुझे यह देखकर अत्यंत खुशी होती है कि यह विद्यालय आज भी उन्हीं सिद्धांतों का पालन करते हुए न केवल उत्कृष्ट शिक्षा प्रदान कर रहा है, बल्कि बच्चों में संस्कारों का भी समावेश कर रहा है। आज यहां इन बच्चों को सुमधुर गीत गाते और वादन प्रस्तुत करते देखकर मेरा हृदय गर्व से भर गया है। साथ ही, इस बात की प्रसन्नता भी है कि देश का भविष्य सही दिशा में अग्रसर हो रहा है, और यह सही हाथों में सुरक्षित है।”
बाल निकेतन संघ की शिक्षिका श्रुति खानवलकर ने आभार व्यक्त करते हुए कहा , “मैं सभी अतिथियों का उनकी गरिमामयी उपस्थिति और मनमोहक प्रस्तुतियों के लिए हार्दिक धन्यवाद करना चाहती हूं। विद्यालय के सभी बच्चों ने अद्वितीय प्रस्तुतियां दीं, और यह निर्णय लेना अत्यंत कठिन था कि प्रथम पुरस्कार किसे दिया जाए, द्वितीय और तृतीय किसे। सभी प्रतिभागियों और उनकी टीम को मेरी ओर से ढेर सारी बधाइयां। मुझे विश्वास है कि आप इसी तरह आगे बढ़ते रहेंगे, दादा साहेब की स्मृतियों, विचारधाराओं और उनके आदर्शों से प्रेरणा लेते हुए निरंतर प्रगति करते रहेंगे।“