मुंबई, 7 जनवरी, 2022- इंडसइंड बैंक ने भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा 3 जनवरी 2022 से कॉम्प्लैक्स डेरिवेटिव प्रोडक्ट्स की अनुमति के बाद भारत में अपने कॉर्पोरेट ग्राहकों के साथ स्ट्रक्चर्ड डेरिवेटिव ट्रांजेक्शंस के अपने पहले सेट को बंद करने की घोषणा की है। बैंक ने एक बड़े कॉर्पाेरेट क्लाइंट और एक बड़े डायमंड क्लाइंट के साथ स्वैपशन और फॉरेक्स बैरियर ऑप्शंस ट्रेड किए। हेजेज ग्राहकों द्वारा विदेशी मुद्रा और ब्याज दर जोखिम प्रबंधन के लिए थे।
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इस बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए, इंडसइंड बैंक के हैड- ग्लोबल मार्केट्स ग्रुप श्री सिद्धार्थ बनर्जी ने कहा, ‘‘आरबीआई ने गवर्नेंस के उच्च मानकों को सुनिश्चित करते हुए डेरिवेटिव तक कुशल पहुंच को बढ़ावा देने के उद्देश्य से मौजूदा डेरिवेटिव दिशानिर्देशों में परिवर्तन किया है। यह सही दिशा में एक कदम है और भारतीय वित्तीय बाजारों को और मजबूत करेगा। जोखिम प्रबंधन रणनीति के रूप में स्ट्रक्चर्ड प्रोडक्ट्स के उपयोग पर ग्राहकों को शिक्षित करने और शासन सुनिश्चित करने में बैंक कोषागार सक्रिय भूमिका निभाएंगे। इसी दिशा में आगे बढ़ते हुए हम उम्मीद करते हैं कि स्ट्रक्चर्ड प्रोडक्ट्स की मांग बढ़ेगी क्योंकि ग्राहक स्ट्रक्चर्ड डेरिवेटिव का उपयोग करना शुरू कर रहे हैं।’’