विकास के हाईवे पर दौड़ रहा इंदौर, अब फिर से पगडंडी पर नही लौटेगा

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नितिनमोहन शर्मा

इंदौर अब विकास के हाईवे पर रफ्तार से दौड़ रहा है। नीत नए सोपान छुता ये शहर अब देश मे अपनी अलग पहचान बना चुका है। हर इंदौरवासी के लिये ये गर्व का विषय है कि उसके शहर के कामकाज को जानने देश दुनिया से लोग अहिल्या नगरी आ रहे है। अब ये शहर झुकेगा नही शहर डेवलपमेंट के हाइवे से पगडंडी पर अब नही लौटने वाला। बल्कि आने वाले 5 साल में शहर पुणे बैंगलोर जैसे शहरों में शुमार होगा।

ये सब इंदौरवासियों के दम पर होगा और मुझे अपने शहर के नागरिकों पर पूर्ण भरोसा है कि वे झूठे सब्जबाग की जगह सदा सच के साथ रहते है। इसी का परिणाम है कि आज के शहर देश के तमाम शहरों के होड़ में रहने के बावजूद 5 बार सफाई में नम्बर वन आया। अब हम सिक्सर लगाने वाले है। और ये तब ही सम्भव है जब इंदौर विकास की ट्रेन में डबल इंजिन वाली सरकारें भी जुड़ जाए।

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फिर तीन इंजिन वाले इस शहर को देश।मे सिरमौर बनने से कोई नही रोक पायेगा। ये कहना है भाजपा के महापौर उम्मीदवार पुष्यमित्र भार्गव का। प्रचार का शोर शांत होने के बाद भार्गव खुलासा फर्स्ट से मुखर हुए। एक अनोपचारिक चर्चा में भार्गव में शहर को लेकर अपना विजन सामने रखा जिसमे पब्लिक टॉयलेट की तर्ज पर पब्लिक पार्किंग बनाने से लेकर शहर को भिखारी मुक्त बनाने तक का प्लान सामने रखा।

ऐसे बनेगा ग्रीन इंदौर

मेरा मानना है कि किसी भी शहर का विकास उस शहर की जनता के कार्यक्षमता पर निर्भर करता होता है और जनता की कार्यक्षमता उसके शहर के प्राकृतिक पर्यावरण पर निर्भर होती है। स्वच्छता, ऑक्सीज़न की प्रचुरता, हरियाली, खुला वातावरण,ये सब इंसान को ताज़गी देती है,ऊर्जा देती है और यही ताज़गी वाली ऊर्जा उसे काम करने की क्षमता प्रदान करती है। या यूं कह ले की उस शहर के विकास का आधार बनती है।

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इस पर हम सबको मिलकर सोचना है, योजना बनाना है और उसे क्रियान्वित करना है। चूंकि शहर की जनसंख्या बढ़ रही है,पर्याप्त स्थान नहीं मिल रहा इसलिए महापौर के रूप में हरियाली को बढ़ाने के लिए इंदौर के प्रत्येक वार्ड,कॉलोनी के बगीचों की वर्तमान स्थिति को जानकर वहाँ वृक्षारोपण, संरक्षण और निरन्तर निरीक्षण करना,जिससे बग़ीचे उजाड़ ना हो।वहाँ के रहवासियों की एक गार्डन समिति बनाई जाए जो उस गार्डन का ध्यान रखें।

पब्लिक पार्किंग

पब्लिक टॉयलेट की तरह इंदौर में जगह-जगह हो पब्लिक पार्क इंदौर नगर से महानगर बन चुका है।महू से मंगलिया,हातोद से कनाड़िया चारों दिशाओं में इंदौर की सीमा फैल गई है। इसलिए कही भी जाना है तो गाड़ी ज़रूरी है लेकिन समस्या क्या है मैंने महसूस किया है कि दूर जाना समस्या नहीं है मुख्य समस्या है कि वहाँ गाड़ी को पार्क कहाँ किया जाए जिससे गाड़ी सुरक्षित भी हो,वापस निकालने में आसानी हो और चालानी कर्यवाही में भी ना आये। इस समस्या का एक समाधान है पब्लिक पार्किंग।

जैसे खुले में शौच बंद करने के लिए पब्लिक टॉयलेट बने वैसे है खुली और असुरक्षित पार्किंग से बचने के लिए शहर के कुछ विशेष मार्गो को चिन्हित कर पब्लिक पार्किंग बनाई जाए। इसका सबसे बड़ा फायदा ये होगा हमारे इंदौर को,की एक तरफ गाड़ियां सुरक्षित होंगी दूसरी तरफ जब सड़क या गलत पार्किंग नही होगी तो ट्रेफ़िक स्मूथ चलेगा और ट्रैफिक स्मूथ मतलब समय की बचत, जाम से मुक्ति, दुर्घटना में कमी, ये सब मेरे इंदौर को मिलेगा।

युवा रहेंगे केंद्र में

इंदौर को भारत की सबसे क्लीन सिटी के साथ ग्रीन सिटी,फ़ूड सिटी,आईटी हब,फ़िल्म एन्ड मीडिया हब,एडजुकेशन हब के साथ भारत के मिनी मुम्बई का खिताब दिलाने में सबसे बड़ा योगदान, हमारे युवा साथियों का ही है। इसके लिए इंदौर के नौजवानों को हर तरह की सुविधा, सहूलियत मिले इसकी जिम्मेदारी इंदौर की है। और इसलिए इंदौर के महापौर के रूप में मेरी प्राथमिकता युवा सशक्तिकरण है।ये मेरा विज़न ही नहीं मिशन भी है कि अगले पांच सालों में नगर निगम की प्रत्येक योजना में यूथ पावर,यूथ डेवलपमेंट सबसे ज़रूरी मुद्दा हो।

भिखारी समस्या

इंदौर के बड़े-बड़े हाई मास्ट लाइट वाले चौराहों पर भीख मांगते लोगों को देखता हूँ,या कभी दवा की पर्ची लेकर,कभी गोद मे नवजात लेकर हर मोहल्ले, सड़क पर पैसे माँगतें महिलाओं को देखता हूँ,तो एक टीस सी चुभती है। मैं नही जानता ये उनकी मजबूरी है,आदत है या कुछ और, लेकिन सत्य यही है कि अगर स्वच्छता के इंदौर को सव्यवस्था और सुशासन में भी देश का बेस्ट और खूबसूरत शहर बनना है,तो सबसे पहले समाज की इस अंतिम पंक्ति को,जो हाथ फैला कर जीवन जी रही है,उसे मांग कर खाने के बजाए कमा कर खाने की आदत डालनी होगी। निगम की तरफ से उन्हें शिक्षा और सहूलियत प्रदान करनी होगी। भिक्षावृत्ति को ख़तम करना मेरे महापौर काल का एक महत्त्वपूर्ण विज़न और मिशन है।

पीने का पानी

जल प्रदाय टंकियों और पाईप लाइनों का समय-समय निरीक्षण एवं मरम्मत, जिससे लाइन फूटने से जल की बर्बादी को कम से कम किया जा सके घरों में वाटर हार्वेस्टिंग प्रणाली जो ज़मीन में पानी के लेवल को बढ़ाती है उसके लिए नियम एवं जनजागरण करना, जिससे बारिश की बेशकीमती बूंदे सीधे ज़मीन में जा सके।