विशेष पुलिस थाना स्थापना, लोकायुक्त कार्यालय भोपाल में संजय चौधरी, तत्कालीन महानिदेशक, जेल विभाग के विरुद्ध आय से अधिक संपत्ति रखने के संबंध में अपराध दर्ज हुआ। शिकायतकर्ता निवासी इंदौर ने लोकायुक्त कार्यालय भोपाल में एक शिकायत दी थी। जिसमें उसने संपत्तियों का ब्योरा भी दिया था।
शिकायतकर्ता का कहना था कि सूची में जो भी संपत्तियां दी गई है। उनमें मुख्य रूप से या तो संजय चौधरी की सास के नाम से संपत्ति लिया जाना बताया गया है या उनकी सास द्वारा दी गई आर्थिक सहायता से उस संपत्ति को लिया जाना बताया गया है। शिकायतकर्ता द्वारा बताया गया है कि सबसे ज्यादा संपत्तियां इंदौर में ली गई है।
शिकायतकर्ता का यह भी आरोप है कि इंदौर में दो ऐसी साझेदारी वाली फर्म है। जिसमे संजय चौधरी का नाम नहीं है। किंतु वे भी उन्हीं से संबंधित है।शिकायतकर्ता द्वारा इंदौर में एक प्लॉट होना, दो मकान होना तथा एक फ्लैट होना भी बताया गया है। इसके अलावा ग्वालियर में भी बेशकीमती प्लॉट होना बताया गया है तथा भोपाल में और पुणे में उनके कई मकान भूखंड और फ्लैट होना शिकायत में उल्लेख किया गया है। इन सभी संपत्तियों में संजय चौधरी का सीधे नाम नहीं होना और उनके निकट रिश्तेदारों के नाम से होना आरोप लगाया गया है। संपत्ति में बेनामी निवेश संजय चौधरी का ही होना आरोपित किया गया है।
शिकायत की। विशेष पुलिस स्थापना लोकायुक्त कार्यालय इंदौर द्वारा शिकायत की खुली जांच की गई। उक्त संपत्तियों में किस प्रकार से किस का निवेश है
इसके बारीकी से विस्तृत इन्वेस्टिगेशन के लिए संजय चौधरी एवं उनकी सास प्रेमलता पंचोली के विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण संशोधन अधिनियम के अंतर्गत प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।