आज का दौर डिजिटलीकरण का चल रहा है। डिजिटलीकरण को बढ़ावा देने के लिए एक पहल इंदौर एयरपोर्ट पर करी जा रही है। इंदौर एयरपोर्ट पर अब वेरिफिकेशन के लिए डाक्यूमेंट्स की जरूरत नहीं होगी। देश विदेश के बड़े एयरपोर्ट की तरह इंदौर एयरपोर्ट पर प्रवेश के लिए डीजी यात्रा की सेवा उपलब्ध हो सकेगी। डीजी वेरिफिकेशन होने से यात्रियों का वेरिफिकेशन में वेस्ट होने वाला समय बचेगा।
इसका ट्रायल मई में शुरू होने जा रहा है। इसके बाद सेवा शुरू कर दी जायेगी। इंदौर के देवी अहिल्या बाई होल्कर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर भी डिजी यात्रा स्कैनर स्थापित करने का काम शुरू कर दिया गया है। मेन पावर के लिए टेंडर जारी कर दिए गए हैं, मशीनें आ चुकी है, देवी अहिल्या एयरपोर्ट प्रबंधन ने बताया कि अभी मशीनें लगाने का काम चल रहा है। इसके लिए तैनात कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया जाएगा। ट्रायल के बाद सिविल एविएशन सिक्योरिटी ब्यूरो की टीम दौरा करेगी। अनापत्ति पत्र मिलते ही सुविधा शुरू कर दी जाएगी।
‘सत्यापन कराने में समय की बचत’
सुविधा शुरू होने से यात्रीअंतरराष्ट्रीय यात्रा आदि के दौरान काउंटरों पर आधार कार्ड, पासपोर्ट, टिकट और वीजा की जांच कराने से बच सकेंगे। कभी-कभी भीड़ होने पर इसमें काफी समय लग जाता है। राम लल्ला की मूर्ति के रंग का कारण आमतौर पर मूर्ति के बनाने या प्राणप्रतिष्ठा की प्रक्रिया के दौरान उस स्थान की स्थानीय संस्कृति और परंपराओं पर निर्भर करता है। कई बार, इसके पीछे कुछ धार्मिक और सांस्कृतिक आधार होते हैं।