केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तुत आर्थिक बजट पर उद्योग विशेषज्ञों, जनप्रतिनिधियों और अर्थशास्त्रियों ने अपनी प्रतिक्रियाएं दी हैं। इस सत्र में बजट के प्रमुख पहलुओं पर विस्तृत चर्चा की गई, जिसमें कुछ विशेषताओं और महत्वपूर्ण बिंदुओं पर और अधिक स्पष्टता की आवश्यकता को प्रमुखता से उठाया गया। 2025 का आर्थिक बजट एक संतुलित दृष्टिकोण को दर्शाता है, जिसमें बुनियादी ढांचे, प्रौद्योगिकी और मध्यम वर्गीय राहत जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर विशेष ध्यान केंद्रित किया गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह बजट आर्थिक वृद्धि में योगदान कर सकता है और नागरिकों के जीवन स्तर में सुधार ला सकता है। हालांकि, इसकी सफलता इस बात पर निर्भर करेगी कि सरकार इसे कितनी प्रभावी तरीके से लागू करती है। आने वाले हफ्तों में नई आयकर विधेयक से संबंधित अधिक जानकारी मिलने की संभावना है।
आयकर करदाताओं के लिए बड़ी राहत, नए बजट में खुशियां
यह बजट विकास की निरंतरता को बनाए रखते हुए, आयकर में टीडीएस और टीसीएस के प्रावधानों में सकारात्मक बदलाव लेकर आया है। इसके अलावा, ब्याज और किराए की आय पर टीडीएस की सीमा में वृद्धि की गई है, और 12 लाख रुपये तक की आय को कर मुक्त किया गया है। यदि आयकर रिटर्न में विलंब होता है, तो चार साल तक रिटर्न को अपडेट किया जा सकेगा। अगले सप्ताह नया आयकर बिल भी जारी होने की संभावना है। बिहार प्रदेश और पटना के नागरिकों को ध्यान में रखते हुए, बजट में बिहार आईआईटी और नए हवाई अड्डे की स्थापना का प्रस्ताव दिया गया है। सरकार स्वैच्छिक कर निर्धारण पर भी जोर दे रही है, और यह बजट विकास उन्मुख है।
– सीए एसएन गोयल, पूर्व चेयरमैन सीए शाखा, इंदौर
सरकार 80 करोड़ गरीबों के लिए क्या कदम उठा रही है, करे स्पष्ट
टैक्स में अमीरों को राहत दी गई है, जबकि गरीबों को फिर से उम्मीदें और आश्वासन दिए गए हैं। इस बजट में गरीबों के लिए बेहतर अस्पताल और बच्चों के लिए गुणवत्तापूर्ण सरकारी स्कूल खोलने के संबंध में सरकार ने क्या कदम उठाए हैं, यह स्पष्ट किया जाना चाहिए। यह बजट केवल टैक्स चुकाने वालों पर केंद्रित प्रतीत होता है। जो लोग टैक्स नहीं दे सकते, यानी जो वास्तविक रूप से जरूरतमंद हैं, उनके लिए क्या किया गया है, यह सवाल उठता है।
– राकेश सिंह यादव, पूर्व प्रदेश महासचिव, मप्र कांग्रेस
स्वास्थ्य क्षेत्र में निवेश, एक सकारात्मक कदम
विशेषज्ञों पर तकनीकी पहलुओं को छोड़ते हुए, मैं यह कह सकता हूं कि स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में निवेश देश के भविष्य के लिए एक उत्साहवर्धक संकेत है, और प्रौद्योगिकी में भी निवेश को बढ़ावा दिया गया है।
– सिद्धार्थ सेठी, उपाध्यक्ष, सीआईआई मध्य प्रदेश एवं सीईओ, इन्फोबीन्स
बजट में आवंटित राशि का समय पर वितरण जरूरी
पिछले वर्ष बुनियादी ढांचे के लिए बजट ₹11.11 लाख करोड़ था, जबकि इस वर्ष इसे घटाकर ₹10 लाख करोड़ से कुछ अधिक कर दिया गया है। सबसे अहम सवाल यह है कि क्या परियोजनाओं के लिए आवंटित धन समय पर जारी किया जाता है या नहीं। पिछले आठ से दस महीनों में हुई देरी ने अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक असर डाला है। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि सरकार इस दिशा में क्या कदम उठाती है। हालांकि, टीडीएस, टीसीएस और कस्टम ड्यूटी में किए गए सुधारों के साथ व्यापार सुगमता बढ़ाने की दिशा में सकारात्मक प्रयास किए गए हैं। कुल मिलाकर, यह बजट संतुलित प्रतीत होता है।
– प्रवीण अग्रवाल, प्रबंध निदेशक, पॉलीराज पाइप्स एलएलपी