इंदौर: भारतीय जनता पार्टी नगर अध्यक्ष गौरव रणदिवे ने बताया कि प्रदेश संगठन के निर्देशानुसार डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी के बलिदान दिवस से जन्मजयंती तक पूरे पखवाडे़ संगोष्ठी व कार्यक्रम होना है। इसी के अंतर्गत आज भारतीय जनता पार्टी इंदौर द्वारा आयोजित वर्चुअल संगोष्ठी में वरिष्ठ नेता श्री विक्रम वर्मा ने डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी के जीवन वृत्त पर प्रकाश डाला। संगोष्ठी को वरिष्ठ नेताओं व प्रमुख कार्यकर्ताओं ने भाजपा कार्यालय पर उपस्थित होकर सुना।
श्री वर्मा ने संगोष्ठी मेंं कहा कि डॉ श्यामाप्रसाद मुखर्जी अद्भुत प्रतिभा के धनी थे। देश को आजादी दिलाने में अलग-अलग विचारधारा के लोगों ने एक साथ खड़े होकर आंदोलन चलाया। डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी उस समय हिन्दू महासभा के अध्यक्ष थे, जब उन्होंने विभाजन होने वाले भारत के नक्शे को देखा तो लोगों को साथ लेकर बंग बचाओं आंदोलन शुरू किया और परिणाम स्वरूप बंगाल और पंजाब को पाकिस्तान में जाने से बचाया। जब महात्मा गांधीजी ने डॉ. मुखर्जी की नेतृत्व क्षमता को देखा तो उन्होंने नेहरूजी से कहा कि इन्हें मंत्रीमंडल में स्थान दिया जाना चाहिए तत्पश्चात डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी नेहरूजी के मंत्रीमंडल में मंत्री बने, लेकिन नेहरूजी की तुष्टीकरण की नीति के कारण डॉ0 श्यामाप्रसाद मुखर्जी ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।
डा़ श्यामाप्रसाद मुखर्जी का कश्मीर के लिए किया गया संघर्ष किसी से छुपा नहीं है। उन्होंने अपने प्राणों की आहुति देकर कश्मीर को बचाने का प्रयास किया। जब नेहरूजी ने कश्मीर में धारा 370 लगाने का निर्णय लिया तब डॉ मुखर्जी ने नेहरूजी का पूरजोर विरोध करते हुए आंदोलन किया और एक देश में दो निशान, दो प्रधान और दो विधान नही चलेंगे। इस आंदोलन में जम्मू कश्मीर की जेले आंदोलनकारियों से भर दी गई। इसी बीच संदिग्ध परिस्थतियों में डॉ. मुखर्जी की मृत्यु हुई। देश की एकता और अखण्डता के लिये सबसे पहला बलिदान डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी का हुआ।
संगोष्ठी में प्रमुख रूप से संभागीय संगठन मंत्री जयपालसिंह चावड़ा, नगर अध्यक्ष गौरव रणदिवे, विधायक रमेश मेंंदोला, आकाश विजयवर्गीय, गोपीकृष्ण नेमा, गोविन्द मालू, हरिनारायण यादव, अंजू माखीजा, घनश्याम शेर, कमल बाघेला, अभिषेक बबलू शर्मा, सुमित मिश्रा, गणेश गोयल, घनश्याम शेर, संदीप दुबे, सविता पटेल, वीणा शर्मा, गायत्री गोगडे, गुलाब ठाकुर, मुकेश मंगल, संतोष गौर, सुधीर देडगे, मनस्वी पाटीदार, पदमा भोजे, प्रकाश राठौर, विनोद पारगी, वासुदेव पाटीदार, मंजूर एहमद, राजेश शिरोडकर उपस्थित थे। साथ ही अनेक कार्यकर्ताओं ने भी वर्चुअल रहकर संगोष्ठी को ऑनलाईन सुना।