इंदौर। हिंदू देवी-देवताओं को लेकर कथित आपत्तिजनक टिप्पणियों के मामले में सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिलने के बाद हास्य कलाकार मुनव्वर फारूकी को शनिवार देर रात यहां केंद्रीय कारागार से रिहा कर दिया गया है। बता दे कि, स्टैंडप कमेडियन मुनव्वर फारूकी पिछले 35 दिनों से न्यायिक हिरासत के तहत इस जेल में बंद थे। जिसके बाद शनिवार शाम केंद्रीय जेल प्रशासन ने प्रयागराज की एक अदालत के जारी पेशी वॉरंट का हवाला देते हुए फारूकी की रिहाई में असमर्थता जताई थी। वही एक अधिकारी ने कहा कि मामले में शीर्ष न्यायालय का शुक्रवार को पारित आदेश करीब 30 घंटे बाद कारागार प्रशासन को मिला, जिसके आधार पर युवा हास्य कलाकार को शनिवार देर रात रिहा कर दिया गया।
वहीं रिपोर्ट के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट के जज ने इंदौर के चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट को फोन करके उनसे शीर्ष अदालत की वेबसाइट पर ऑर्डर देखने का आग्रह किया, जिसमें उसने मुनव्वर को जमानत देने के साथ ही प्रोडक्शन वारंट पर भी रोक लगा दी थी। इस आदेश के तहत उच्चतम न्यायालय ने फारूकी को इंदौर में दर्ज मामले में अंतरिम जमानत दे दी थी। साथ ही धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के ही आरोप में उनके खिलाफ प्रयागराज में दर्ज मामले में वहां की एक निचली अदालत के जारी पेशी वॉरंट पर रोक भी लगा दी थी। वही चश्मदीद लोगों का कहना था कि फारूकी की रिहाई की सूचना मिलते ही शनिवार देर रात जेल परिसर में मीडिया कर्मी भी जमा हो गए थे, लेकिन धार्मिक रूप से संवेदनशील मामले में गिरफ्तार हास्य कलाकार को इनकी नजर से बचाते हुए गुपचुप तरीके से जेल परिसर से बाहर निकाला गया।
आपको बता दे कि, हिन्दू देवी-देवताओं पर आपत्तिजनक टिप्पणियों के आरोप में ही फारूकी के खिलाफ प्रयागराज के जॉर्ज टाउन पुलिस थाने में पिछले साल मामला दर्ज किया गया था। साथ ही अधिकारियों ने बताया कि मध्यप्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा की स्थानीय विधायक मालिनी लक्ष्मण सिंह गौड़ के बेटे एकलव्य सिंह गौड़ की शिकायत पर एक जनवरी को गिरफ्तारी के बाद से फारूकी इंदौर के केंद्रीय जेल में बंद थे।