▪️ भारत-बांग्लादेश सीमा से अवैध रुप से युवतियां लाकर देह व्यापार कराने वाले गिरोह का मुखिया साथियों सहित, इंदौर पुलिस की गिरफ्त में।
▪️ उक्त गैंग के स्थानीय सहयोगियों एवं देश के प्रमुख शहरों के एजेंटो का भी हुआ पर्दाफाश।
▪️ विगत 23 वर्षों से अपनी पहचान छुपा कर रह रहा था, गिरोह का बांग्लादेशी मुख्य आरोपी, फर्जी दस्तावेज के जरिये फर्जी नाम का आधार कार्ड , वोटर कार्ड एवं पासपोर्ट बनवा, कर रहा था अपना काम।
▪️ हवाला एवं हुण्डी के जरिये भारत से बांग्लादेश भेजता था पैसा ।
▪️ आरोपी की पत्नी बाग्लादेश में लडकियों के कल्याण के नाम पर NGO की आड में मजबूर एवं बेसहारा युवतियो को काम के बहने अवैध रुप से भारत भेजने में सहयता करती है।
▪️ गैंग की 04 महिला सदस्य जो बांग्लादेशी युवतियो को देह व्यापार के लिये विवश करती है, उन्हें भी किया गिरफ्तार।
▪️ उक्त संगठित गैंग बांग्लादेश भारत बार्डर पर विघटित परिवार की गरीब युवतियो की रैकी कर मासूम युवतियों को अवैध रुप से सीमा पार कराकर भारत लाकर छल कपट व नशे की लत लगा और उनकी मजबूरी का फायदा उठाकर करवाते थे उनसे देह व्यापार।
इंदौर (Indore News) : इंदौर पुलिस द्वारा विगत वर्ष दिनांक 25.9.2020 को विजयनगर , लसुडिया , एम आई जी थाना क्षेत्रों में दबिश देकर कुल 21 युवतियो को देह व्यापार से मुक्त कराया गया था तथा बाग्लादेश बार्डर से अवैध रुप से पार करवाकर देह व्यापार में सलिप्त करने वाले आरोपी जिसमें गुजरात , सूरत के प्रमुख एजेन्ट मुनिर अहमद , टीटू बंगाली , आरोज खान , मीना चौहान , ज्योति , पलक ,शिवनारायण , सहजल उर्फ राकेश सितलानी , अमरिन , अफरीन , सोनाली , परवेज अंसारी सहित कुल 33 आरोपी गिरफ्तारी हो चुके थे।
उक्त प्रकरण के मुख्य आरोपी विजय दत्य , बबलु मुम्बई एवं उज्जवल ठाकुर की तलाश की जा रही थी। पुलिस द्वारा दिनांक 15.11.2021 को विजयनगर स्थित एक होटल पर दबिश देकर 6 युवक व 5 युवतियों को देह व्यापार में गिरफ्तार किया गया था जिनसे पूछताछ पर जानकारी मिली की जेल में बन्द एजेन्टों के साथी प्रदीप जोशी और सोनू ठाकुर द्वारा मुम्बई के विजय दत्य और बबलु, इंदौर के उज्जवल ठाकुर , दिलिप बाबा , प्रमोद पाटीदार , नेहा , रजनी के साथ मिलकर बाग्लादेशी युवतियों से देह व्यापार करवा रहे है। उपरोक्त दोनों मामलो में विजय दत्य , उज्जवल ठाकुर एवं बबलु का नाम आ रहा था।
इसके संबंध में पुलिस महानिरीक्षक महोदय इंदौर ज़ोन श्री हरिनारायणचारी मिश्र एवं पुलिस उप-महानिरीक्षक इंदौर शहर श्री मनीष कपूरिया उक्त गैंग के आरोपियों की शीघ्र गिरफ्तारी हेतु कार्य योजना बनाकर कार्रवाई के लिए निर्देशित किया गया। उक्त गैंग का मुखिया विजय दत्य बहुत शातिर होकर उसे किसी भी पीडित युवती या एजेन्ट द्वारा देखा नही गया था इसलिये इनकी गिरफ्तारी पर 20,000 रुपये ईनाम भी घोषित किया गया था।
विजय दत्य का सही नाम और फोटो और पता स्पष्ट रुप से पुलिस के पास कभी सामने नही आया और ना ही कोई लडकी बताने की स्थिती में थी, क्योंकि आज तक किसी एजेन्ट ने प्रत्यक्ष रुप से विजय दत्य को नही देखा था परन्तु हर बांग्लादेशी लडकी इसका नाम लेती थी। इसको पकडना पुलिस के लिये बहुत बडा चैलेन्ज था।
गैंग के इन मुख्य आरोपियों की गिरफ्तारी हेतु पुलिस अधीक्षक पूर्व इंदौर श्री आशुतोष बागरी द्वारा इसके लिये एक टीम तैयार कि गई जिसमें मराठी बोलने व बंगाली बोलने व समझने वाले आरक्षक सायबर एस्पर्ट एवं महिला उपनिरीक्षक थे को मुम्बई नालासुपारा रवाना की गई।
टीम वहाँ करीब एक सप्ताह किराये का मकान रहकर रही और जानकारी इकट्ठा करती रही वहाँ लोकल लोगो से दोस्ती करी और कुछ सुराग हासिल किये और पुलिस अधीक्षक पूर्व श्री आशुतोष बागरी को दिये गये उनके द्वारा एवं थाना प्रभारी विजयनगर इंदौर आई.पी.एस.श्री एम यू रहमान द्वारा निर्देशित किया गया था। उनके द्वारा उपनिरीक्षक प्रिंयका शर्मा , प्र आर 3328 भरत बडे , आर 1469 कुलदीप , आर.3931उत्कर्ष , आर .1410 निलेश , आर 2310 धर्मेन्द्र , आर.3302 लोकेश प्राजपत , आर 3365 प्रवीण सिंह चौहान , आर.विकाश इंदौर के बाहर के क्षेत्रो में इंदौर तथा आस पास के लिये दुसरी टीम प्र.आर.योगेश , प्र आर जितेन्द्र , आर प्रणीत को लगाया गया इसके अलावा अन्य टीम भी लगाई गयी।
पुलिस टीमो द्वारा जानकारी एकत्रित की गई विजय दत्य हमेशा पर्दे के पीछे रहकर काम करता था। आज तक इसकी फोटो सार्वजनिक नही हुई थी यह 25 सालो से भारत में फर्जी दस्तावेज के जरिये आधार कार्ड , पेन कार्ड , पासपोर्ट बनाकर रह रहा था और नाला सुपारा मुम्बई का रहने वाला है बाग्लादेश में इसकी पत्नि जोसना खातुन है इसके दो बच्चे है। शाबाना एवं दीपा है यह किशोर अवस्था में बाग्लादेश से भारत पं.बंगाल कृष्ण घाट नदिया आया था और खेतो में मजदूरी का काम करता था। इसके बाद यह मुम्बई आ गया होटल में काम करने लगा इसने भारत में भी एक महिला से शादी की जिससे एक बच्चा है बाग्लादेशी पत्नि एंजियो महिला कल्याण के लिये काम करने वाली NGO से जुडी है एवं मजबूर बेसाहरा लडकियो को भारत में घरेलु काम दिलाने के नाम पर बार्डर पार कराकर भारत भेजती है। बांग्लादेश के दुरुस्त क्षेत्र में रहने वाली कम पढी-लिखी लडकियो इसके झासे में आ जाती है। और वैश्यावृत्ति के धंधे में फंस जाती है।
आरोपी विजय ने अपनी गैंग के माध्यम से अब तक की हजारो बांग्लादेशी लडकियो को पिछले 10 साल से वैश्यापती के धंधे में धकेल चुका है और देश के म.प्र के अलावा देश के विभिन्न हिस्सो में अपने एजेंट बना रखे है जहाँ म.प्र में इंदौर , भोपाल , जबलपुर , खण्डवा , राजगढ , पीथमपुर , आदि शहरो में इसके एजेन्ट है और नेटवर्क फैला हुआ है।
इंदौर में इसके मुख्य एजेन्ट सहजल , उज्जवल , प्रमोद बाबा , सप्तार , दिलिप बाबा , ज्योति , पलक आदि है जो इससे बांग्लादेशी युवतियो से वैश्यावृत्ति करवाते थे। निमाड क्षैत्र में प्रमोद पाटीदार प्रमुख एजेन्ट है। म.प्र के अलावा मुम्बई , पुणे , पालघर, सूरत ,अहमदाबाद , चैन्नई , बैगलोर , हैदराबाद , जयपुर , उदयपुर आदि शहरो में हजारो की संख्या में इसके द्वारा लडकियाँ सप्लाय की गई हैं। सबसे ज्यादा संख्या सूरत व मुम्बई के नालासुपारा में हैं तस्करी कर लाई गय़ी है।
इन लडकियों को दिन में 6 से 7 ग्राहक से संबंध बनाने के लिये विवश किया जाता है तथा इनकी क्षमता बढाने के लिये ड्रग्स की लत लगाई जाती है और मना करने पर एजेन्टो के द्वारा प्रताडित किया जाता है। यह लकडियाँ पुलिस के पास अपनी शिकायत लेकर नही आती क्योंकि एजेन्टो के द्वारा इतना डराया जाता है कि तुम यदि पुलिस के पास गई तो जेल भेज दिया जायेगा तुम बांग्लादेशी हो तुम्हारे पास वैध दस्तावेज नही है इसलिये ये चुपचाप शोषण सहन करती है। इन्हे काम के बदले मुसकिल से 500-600 रु मिलते है बाकी सारा पैसा दलाल रख लेते है। कई बार पैसे की जरुरत होने पर इन्ही लकडियो के द्वारा दलालो से पैसा लिया जाता है जिसकी 50 प्रतिशत तक मासिक ब्याज लगाते है जिससे जो भी पैसा मिलता है वह पैसा इन्ही के पास चला जाता है।
गिरोह का मुख्य सरगना (विजय दत्त उर्फ मामुन) यह बीच बीच में बाग्लादेश जाता रहता है एवं हुण्डी एवं हवाला के माध्यम से पैसे भेजता है। बांग्लादेश बार्डर में एवं मुम्बई , सूरत , अहमदाबाद आदि बडे शहरो में एसे हुण्डी एवं हवाला के जो कारोबारी सक्रिय हैं, उनके संबंध में पूछताछ की जा रही है।
इसकी पत्नि जोसना खातुन ने बांग्लादेशी पासपोर्ट बना रखा है। और वीजा लेकर मुम्बई आती रहती है। पुलिस टीम द्वारा मुम्बई में 07 दिन रहकर इसकी रैकी की गई पुलिस टीम द्वारा बाग्लादेश की मराठी , स्थानीय लोगो एवं भाषा का उपयोग कर पतारसी की जा रही थी इसे टीम के मराठी भाषा में बात करने में लगा की मुम्बई पुलिस तलाश कर रही है तो यह अपनी सहयोगियो के साथ इंदौर की और शरण हेतु आया तकनिकी आधार पर पुलिस अधीक्षक पूर्व श्री आशुतोष बागरी द्वारा आई पी एस श्री एम यु रहमान के नेतृत्व में टीम गठित कर घेराबन्दी कराई गयी जिसमें विजय दत्य की सपूर्ण गैग बाणगंगा क्षैत्र में छुपी होने की सूचना पर पुलिस टीम द्वारा दबिश देने पर विजय दत्य व उसकी टीम द्वारा दिवार तथा छत कुदने का भागने का प्रयास किया गया किन्तु पुलिस द्वारा पकड लिया गया।
पूछताछ पर आरोपी विजय दत्य ने अपना नाम विजय पिता विमल दत्य निवासी नदिया पं.बंगाल होना बताया परन्तु कडाई से पूछताछ पर तकनिकी आधार पर पाया कि उसका असली नाम मामुन पिता वफज्जुल हुसैन है जो पाबना जिला रसई बांग्लादेश का रहने वाला है फर्जी दस्तावेजो के आधार पर नाला सुपारा मुम्बई में रहता है। उसके साथ उसकी महिला सहयोगी जो बाग्लादेश से लडकियो को लाने वाली तथा उन्हे देह व्यापार हेतु विवश करने वाली आकीजा पिता माणीक शेख निवासी बाग्लादेश , दीपा शेख पिता तोसिफ मुल्ला शेख निवासी बांग्लादेश को गिरफ्तार किया गया.
आरोपी विजय उर्फ मामुन के साथ रहने वाले गैंग के एजेन्ट उज्जवल पिता अवधेश प्रसाद निवासी कालिन्दी गोल्ड बाणगंगा इंदौर तथा एनजीओ चलाने वाली उसकी पत्नि तथा देह व्यापार मे उसकी साथ देने वाली नेहा उर्फ निशा तथा उसकी साथी रजनी वर्मा निवासी एम आई जी इंदौर में बाग्लादेशी लडकियो को देह व्यापार हेतु इधर उधर भेजने वाले दिलिप बाबा पिता द्वारका दास सावलानी निवासी स्कीम न. 78 लसुडिया इंदौर को भी गिरफ्तार किया गया। विजय उर्फ मामुन दत्य का एजेन्ट जो बाग्लादेश की युवतियो को निमाड , धार , पीथमपुर उसे भी इसके साथ गिरफ्तार किया गया। आरोपी बबलु उर्फ पलास सरकार निवासी नालासुपारा मुम्बई जो अपनी पत्नि के सहयोग से बाग्लादेश से युवतियाँ लाकर देह व्यापार करवाता है। को भी गिरफ्तार किया गया।
प्रारम्भिक पूछताछ में इसने बताया है कि बांग्लादेशी तस्करी कर लाई गयी कुछ लडकियो को फर्जी दस्तावेजो के आधार पर आधार कार्ड , राशन कार्ड , वोटर आई डी कार्ड एवं पासपोर्ट भी इसके द्वारा बनवाया गया है एवं एक गिरोह सक्रिय है जिसके बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। प्रकरण में विस्तृत पूछताछ जारी है।