इंदौर 10 मार्च, 2021: मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि भू-माफिया आज प्रदेश से भागते-फिर रहे है। उन्होंने कहा कि इंदौर द्वारा भूमाफियाओं के खिलाफ चलाये जा रहे अभियान के सकारात्मक परिणाम ज़मीनी स्तर पर देखने को मिल रहे है। उन्होंने जिला प्रशासन इंदौर द्वारा भू-माफियाओं के विरुद्ध की गई कार्रवाई की जमकर प्रसंशा करते हुये इंदौर संभागायुक्त, कलेक्टर, आईजी एवं डीआईजी को बधाई दी। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा की गत दिवस इंदौर प्रवास के दौरान भूखंड पीड़ितों को मिले न्याय पश्चात पीड़ितों के चेहरे पर ख़ुशी और आँखों में चमक देखकर मन को जो खुशी मिली उससे सरकार चलाना सार्थक हो गया।
मुख्यमंत्री चौहान ने बुधवार को वीडियो कान्फ्रेन्सिंग को संबोधित करते हुए उक्त उदगार व्यक्त किए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने भोपाल से वीडियो कान्फ्रेन्सिंग के माध्यम से प्रदेश के विभिन्न जिलों में कानून व्यवस्था, भू-माफिया, भूमि पर अवैध कब्जाधारियों के विरूद्ध कार्रवाई, चिटफंड कंपनियों के आरोपियों के विरूद्ध की गई कार्रवाई, चिन्हित अपराध, मिलावटी खाद्य पदार्थ निर्माण सम्बन्धी अपराधों, अवैध रेत खनन, गेहूं उपार्जन, पोषण आहार के वितरण आदि विषयों पर विस्तार से जिलेवार समीक्षा की।
मुख्यमंत्री ने प्रदेश के समस्त जिला कलेक्टरों एवं पुलिस अधीक्षकों से वीसी के दौरान उक्त घटकों पर चर्चा की। इस अवसर पर संभागायुक्त कार्यालय से कमिश्नर डॉ. पवन कुमार शर्मा एवं आई.जी. हरिनारायणचारी मिश्र तथा कलेक्ट्रेट कार्यालय के एनआईसी रूम में कलेक्टर मनीष सिंह, डीआईजी मनीष कपूरिया, नगर निगम आयुक्त प्रतिभा पाल सहित प्रशासन और पुलिस के अन्य अधिकारी अपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री ने कहा पीड़ितों के लिये इंदौर में स्थापित हो रहा है राम राज्य-
कान्फ्रेन्स मे मुख्यमंत्री चौहान ने कलेक्टर इंदौर का उल्लेख करते हुए कहा की उन्होंने भू-माफियाओं के विरुद्ध कैसे सफलतापूर्वक अभियान चलाया है, उसका एक प्रेजेंटेशन दें। कलेक्टर सिंह द्वारा इंदौर में सहकारी समितियों एवं निजी कॉलोनी के सदस्यों को पात्रता के भूखंड दिलाने के संबंध में की गई कार्रवाई पर प्रस्तुतीकरण दिया गया। उन्होंने बताया कि इंदौर में कुल 858 सहकारी समितियां हैं। इनमें से 12 सहकारी समितियों में आए दिन सर्वाधिक शिकायतें प्राप्त हो रही थी।
उक्त समितियों के भूखंडों को भू माफियाओं के कब्जे से छुड़ाने के लिए 3 चरणों में कार्रवाई करने की कार्य योजना तैयार की गई है। जिसके तहत वर्तमान में प्रथम चरण की कार्रवाई प्रचलन में है। प्रथम चरण में 5 कॉलोनियों के लगभग साढ़े 7 हजार करोड़ की लागत के 3 हजार 578 भूखंडों को भू माफियाओं के कब्जे से मुक्त कराया जा रहा है। प्रथम चरण में की गई कार्रवाई के अंतर्गत 2 कॉलोनियों के एक हजार 519 भूखंडों को मुक्त कराया जा चुका है और इनके आधिपत्य को पात्र हितग्राहियों को दिलाने की कार्रवाई की जा रही है।
कलेक्टर सिंह ने बताया कि इस संपूर्ण प्रक्रिया में पारदर्शिता स्थापित करने के लिए सांसद, क्षेत्रीय विधायक के साथ संबंधित सोसाइटी के 3 सदस्यों सहित कुल 5 सदस्यों की पर्यवेक्षण समिति का गठन किया गया है। उन्होंने बताया कि कॉलोनियों के पीड़ित सदस्यों को भूखंडों का आधिपत्य दिलाने के लिए प्रशासन द्वारा कार्य योजना तैयार की गई है। जिसके प्रभावी क्रियान्वयन के लिए क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों एवं संघर्ष समिति के सदस्यों के साथ नियमित रूप से बैठक की जा रही है। कार्य योजना के तहत राजस्व, नगर तथा ग्राम निवेश, रजिस्ट्रार कार्यालय एवं सहकारिता विभाग के अधिकारियों के साथ तीन दल गठित किए गए हैं।
मुख्यमंत्री चौहान ने इंदौर प्रशासन द्वारा की गई कार्रवाई की सार्वजनिक रूप से प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि भू माफियाओं के विरुद्ध की गई इस कार्रवाई में सभी डाइमेंशन पर प्रभावी रूप से सक्रियता के साथ कार्य किया गया है। तीन दशकों से पीड़ित भूखंडधारियों के लिए इंदौर में जैसे राम राज्य स्थापित हो रहा है। उन्होंने कहा कि इंदौर में भूमाफियाओं के विरुद्ध की गई कार्रवाई का अनुसरण अन्य जिलों में भी बेस्ट प्रेक्टिस के रूप में किया जाए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि माफियाओं के विरुद्ध राज्य शासन द्वारा चलाई जा रही है इस मुहिम का ध्येय लोगों की समस्याओं का निराकरण कर उन्हें जल्द से जल्द न्याय दिलाना है।
जिले के 12 हजार 677 व्यक्तियों को मिला स्वरोजगार-
कान्फ्रेन्स के दौरान की गई समीक्षा में पाया गया कि इंदौर जिले में 12 हजार 677 बेरोजगारों को स्वरोजगार के नए अवसर प्रदान किये गये। प्रदेश के समस्त जिलों की तुलना में इंदौर में सबसे अधिक संख्या में बेरोजगारों को स्वरोजगार से जोड़ा गया। रेत खनन के अवैध परिवहन की रोकथाम हेतु प्रशासन द्वारा नियमित कार्रवाई की जा रही है। इसी तारतम्य में रेत खनन से संबंधित दर्ज प्रकरणों का शत-प्रतिशत निराकरण कर इंदौर प्रदेश में प्रथम रहा।
इंदौर जिला प्रथम पाँच में-
समीक्षा के दौरान पाया गया कि फरवरी माह में अवैध शराब के विरूद्ध पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई एवं मिलावटी खाद पदार्थ निर्माण करने वाली फेक्ट्रीयों पर की गई कार्रवाई में इंदौर जिला प्रदेश के प्रथम 5 जिलों में शामिल है। इसी तरह वनाधिकार अधिनियम के अंतर्गत निरस्त दावों का पुन: परीक्षण कर निराकरण करने में भी इंदौर जिला प्रदेश के प्रथम 5 जिलों में शामिल रहा।