आबिद कामदार
इंदौर। स्वच्छता में नंबर वन होने के साथ साथ नगर निगम शहर में हर चीज में नई टेक्नालॉजी की और बढ़ रहा है। शहर में रात के समय हर चौराहे और रोड पर सेंट्रल लाइट लगाई गई थी, इसी में नगर निगम ने एनर्जी एफिशिएंसी सर्विस लिमिटेड भारत सरकार के उपक्रम के तहत शहर में नई एलईडी लगाई है। जिसमें लगभग 7 हजार शहर की सेंट्रल लाइट एलईडी में बदल दी गई है, इससे नगर निगम को बिजली में 60 प्रतिशत की बचत होगी। पहले 250 वॉट की लाइट लगाना होता था, अभी सभी एलईडी में 110 वॉट की एलईडी लगाई गई है, जिससे 60 प्रतिशत बिजली की बचत हुई है। इससे बिजली में आने वाले खर्च में करोड़ों की बचत होगी।
500 वॉट की लाइट में 1 दिन में 5.5 यूनिट से 7 हजार पॉल पर 2 लाख से ऊपर की बिजली खपत होती थी।
रोड पर लगी सेंट्रल लाइट में एक पॉल पर पहले दोनों लाईट मिलाकर 500 वॉट की लाइट लगाई जाती थी, रोजाना लगभग 10 से 11 घंटे यह लाइट रात के दौरान चलाई जाती थी। जिससे लगभग एक पॉल पर 5.5 यूनिट बिजली की खपत होती थी। वहीं अगर एक यूनिट की बात की जाए तो 7 रुपए 60 पैसे निर्धारित है। जिसमें निगम को लगभग 40 रुपए एक पॉल पर एक दिन का वहीं 7 हजार पॉल पर 2 लाख से ऊपर खर्च आता था।
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3.3 यूनिट की बचत से एक दिन में एक पॉल पर होगी 24 रूपए की बचत, महीने में होगी लाखों की बचत
वर्तमान में शहर भर की मुख्य सड़कों पर पॉल पर लगाई गई दोनों एलईडी 220 वॉट की होगी। वहीं इसे भी 11 घंटे चलाने से लगभग 2.2 बिजली की खपत एक पॉल पर एक दिन में होगी। जिससे एक पॉल पर 3.3 यूनिट बिजली की बचत एक पॉल पर होगी। एक पॉल पर 7 रुपए 60 पैसे से निगम को एक पॉल पर एक दिन में लगभग 24 रुपए की बचत होगी। वहीं सात हजार पॉल पर एक दिन में लगभग 1 लाख अड़सठ हजार और एक महीने में नगर निगम को लगभग 50 लाख की बचत होगी।
इन मार्गों पर बदली गई है एलईडी लाइट
शहर के मुख्य मार्ग और अन्य मार्गों पर सेंट्रल लाइट लगाई गई है, जिसमें एमजी रोड, आरएनटी मार्ग, रिंग रोड, परदेशीपुरा, एयरपोर्ट, बीआरटीएस, सुपर कॉरिडोर, ढक्कन वाला कुआं, गीताभवन रोड और अन्य मार्गों पर यह लाइट लगाई गई है। इस सेंट्रल लाइट में रोड के बिच पॉल लगा रहता है, जिससे रोड़ के दोनों तरफ लाइट लगाई गहै
साल में 80 हजार लाइट बदली जायेगी, 35 वार्डों में कार्य जारी
80 हजार लाइट बदलने का इस साल में लक्ष्य रखा गया है, 35 वार्डों में कार्य चल रहा है, इन वार्डों में पहले 4 रॉड वाली 96 वॉट, दो रॉड वाली 48 वॉट की हुआ करती थी जो अब बदलकर 35 वॉट और 70 वॉट की लगाई जाएगी। जिसमें कॉलोनी, रोड़, उद्यान, और अन्य जगह पर यह लाइट लगाई जाएगी।
15 साल पुरानी थी लाइट, एलईडी लगाने से पांच साल तक होगी मेंटेनेंस फ्री
पहले जो शहर के मुख्य मार्ग और कॉलोनी में में लाइट लगाई थी वह 14 से 15 साल पुरानी थी। जिससे इनमें काफी मेंटेनेंस निकलता था। जिससे बार बार बंद होना, बारिश में पानी घुसना और अन्य समस्याएं होते थी। अभी जो एलईडी लाइट लगाई गई है, इसमें पांच साल का मेंटेनेंस फ्री रहेगा। इन लाईटों के संधारण कार्य पर वर्तमान में प्रतिवर्ष लगभग 10 करोड़ रुपये खर्च होते है।
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