Indore Air Polution: अब शहर में वायु प्रदूषण को लेकर एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है, जहां चार विभिन्न इलाकों में रियल टाइम ध्वनि प्रदूषण मॉनिटरिंग सिस्टम लगाए जा रहे हैं। ये सिस्टम पूरे दिन इलाके के ध्वनि प्रदूषण के संदर्भ में आंकड़े जुटाएंगे और उन्हें एक पोर्टल पर अपडेट करेंगे। इस पहल के तहत, एमवाय अस्पताल, सांवेर रोड औद्योगिक क्षेत्र, विजय नगर और स्मार्ट सिटी ऑफिस में यह सिस्टम स्थापित किया जा रहा है।
Indore Air Polution: ‘प्रदेश का पहला शहर बनेगा जहां..’
अगस्त के पहले सप्ताह से इंदौर में ध्वनि प्रदूषण मॉनिटरिंग सिस्टम कार्यान्वित होने की योजना है, जिससे यह प्रदेश का पहला शहर बनेगा जहां ऐसे चार सिस्टम लगाए जाएंगे। विशेषज्ञों के अनुसार, ध्वनि प्रदूषण सुनने की क्षमता प्रभावित हो सकती है और यह स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव डाल सकता है, जैसे कि गुस्सा, चिढ़चिढ़ापन, अनिद्रा, और बीपी के रिस्क को बढ़ा सकता है। इंदौर में इन समस्याओं के संदर्भ में पिछले तीन साल में मरीजों की संख्या दोगुनी हो गई है, जिसके कारण इस पर अब ध्यान देने की योजना बनाई जा रही है।
वैज्ञानिक अतुल कोटिया ने बताया कि इंदौर प्रदेश का पहला शहर होगा, जहां चार स्थानों पर ध्वनि प्रदूषण मापक मंडल के चार लोगों की टीम महीने में एक बार 24 घंटे मैनुअल मॉनिटरिंग करती है। नई व्यवस्था के बाद भी यह प्रक्रिया अपना काम जारी रखेगी। इस उपयुक्ति के तहत, ध्वनि प्रदूषण को मापने के लिए सांवेर रोड औद्योगिक क्षेत्र में स्थित इंडो जर्मन टूल रूम, विजय नगर में प्रदूषण मंडल कार्यालय, और स्मार्ट सिटी के नेहरू पार्क कार्यालय में ये सिस्टम लगाए जाएंगे।
संवेदनशील और रिहायशी इलाकों में 25 फीसदी अधिक शोर ध्वनि प्रदूषण को मापने वाली टीम से जुड़े राकेश सिंह बघेल और आशीष राजोरिया ने बताया कि शहर के इन इलाकों में औसतन 20 से 25 फीसदी अधिक शोर की समस्या है। उन्होंने यह भी बताया कि औद्योगिक और व्यावसायिक क्षेत्रों में तय मानक से 18 से 20 फीसदी अधिक शोर पाया जाता है। संवेदनशील इलाकों में शहर के सभी अस्पताल, हाईकोर्ट, कलेक्टर भवन, और शैक्षणिक संस्थान शामिल हैं, जहां विशेष सुधार की आवश्यकता है।