विपिन नीमा, इंदौर। स्वच्छता सर्वेक्षण अभियान की शुरुआत हुई थी तो इंदौर को 25 वी रेंक मिली थी। उसके बाद इंदौर लगातार प्रगति करता रहा ओर आज स्वच्छता में इंदौर कहा से कहा पहुंच गया है ये पूरा देश जानता है। अब स्वच्छता इंदौर की एक संस्कृति बन चुकी है। इसी तरह शहर में नाइट कल्चर (24×7) की एक नई परम्परा प्रारम्भ हुई है। इस नए कल्चर की दो रात गुजर चुकी है। पहली रात की पहली परफॉरमेंस रिपोर्ट जो सामने आई है उससे अनुमान लगाया जा सकता है शहर का नाइट कल्चर सफल रहेगा।
164 यात्रियों ने किया सफर
प्रथम चरण में नाइट कल्चर बीआरटीएस के 11.54 किलोमीटर यानी राजीव गांधी चौराहे से लेकर निरंजनपुर चौराहे तक लागू किया गया है। बीआरटीएस कॉरिडोर में बसों से पता चला कि नाइट कल्चर की पहली रात कितनी सफल रहा इसका पता लगाने के लिए हमे कुछ महत्वपूर्ण पॉइंट प्राप्त हुए है.
हर घंटे सफर करने वाले यात्रियों की संख्या
● नाइट कल्चर की शुरुआत रात 11 बजे 5 आई बसों के साथ हुई। कॉरिडोर में उतरी बसों का सफर शुरू हुआ।
● सुबह 6 बजे तक ये सभी 5 बसे कॉरिडोर में रही।
● इन 7 घंटे के दौरान 164 यात्रियों ने बीआरटीएस कॉरिडोर की आई बसों में सफर किया।
● पूरी रात सभी बसे कॉरिडोर के सभी स्टेशनों से आती – जाती रही।
हर घंटे यात्रियों का मूवमेंट ऐसा रहा
रात 11 से सुबह 6 बजे तक हर घंटे में कितने यात्रियों ने सफर किया उसकी रिपोर्ट इस प्रकार है
● रात 11 से 12 बजे के बीच 71 यात्रियों ने ई बसो में सफर किया
● 12 से 1 बजे के बीच 44 यात्रियों ने सफर किया
● 1 से 2 बजे के बीच 19 यात्रियों ने सफर किया
● 2 से 3 बजे के बीच 10 यात्रियों ने सफर किया
● 3 से 4 बजे के बीच 10 यात्रियों ने सफर किया
● 4 से 5 बजे के बीच एक भी यात्री ने सफर नही किया
● 5 से 6 बजे के बीच 10 यात्रियों ने सफर किया
रातभर बनी रही पांचों बसों की आवाजाही
- राजीव गांधी से 10 बार
- विजय नगर से 18 बार
- एलआईजी से 14 बार
- पलासिया से 15 बार
- गीता भवन से 13 बार
- MR -9 से 26 बार विष्णु पूरी से 21बार
- MR – 9 से सबसे ज्यादा बार गुजरी बसे
बसों का मूवमेंट लगातार बना रहा। सबसे ज्यादा MR -9 स्क्वेअर से बसों का निकलना हुआ। 26 बार बसे यह से गुजरी। जबकि विष्णुपुरी चौराहे पर 21 बार रुकी।
निगम ने बनाया कंट्रोल रूम
नाइट कल्चर का मकसद आर्थिक गतिविधियों को गति प्रदान करना है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए नगर निगम ने व्यवसायिक प्रतिष्ठानों, व्यापारियों के सहयोग के लिए अनूप नगर में कंट्रोल रूम बनाया है। नाइट कल्चर से लाभ उठाने वाले व्यापारियों पर यह बंधन रहे कि वे नए रोजगार का भी सृजन करें।