धूम-धाम से निकलेगी, भादों मास की दूसरी एवम श्रावण- भादों की आखरी सवारी

Author Picture
By Akanksha JainPublished On: August 16, 2020

उज्जैन: बाबा महाकाल पूर्ण वैभव व धूम धाम से नगर भ्रमण पर निकलेंगे. सवारी का मार्ग पूर्ववत ही रहेगा. मन्दिर समिति एवं प्रशासन ने सवारी की पूर्ण तैयारी कर ली है. सभामंडप में परम्परागत पालकी पूजन सांय 4.00 बजे पश्चात, सवारी पूर्ण वैभव व गरिमा से नगर भ्रमण पर निकलेगी.
मन्दिर प्रबंध समिति ने पूरे मार्ग में कलात्मक, सांस्कृतिक, प्राचीन स्वरुप दर्शन के साथ ही सवारी के प्रारम्भ से वापसी तक अनूठे, उल्लासित, उत्सवमय भ्रमण की यादगार व्यवस्था की है. पूरे मार्ग को आलीशान कार्पेट, विस्मयकारी रंगोली के साथ फूलों से आच्छादित कर, रंग बिरंगे ध्वज, सतरंगी आतिशी बाजी के साथ भगवान श्री भोलेनाथ के प्रतीकों जैसे त्रिशूल, शंख, डमरू आदि, सवारी की शोभा बढ़ाएंगे.
पारंपरिक उद्घोषक, तोपची,सलामी गार्ड, घुड़सवार दल, संगीतमय धुन के साथ पुलिस बैंड, पुराने युग का आभास कराती नगाड़ों की थाप, गूंजती शहनाई, पुजारी, पुरोहित गण, अधिकारी गण आदि सवारी के साथ चलेंगे.

धूम-धाम से निकलेगी, भादों मास की दूसरी एवम श्रावण- भादों की आखरी सवारी
भगवान श्री महाकाल के चंद्रमौलेश्वर स्वरुप व मनमहेश स्वरूप के साथ ही रथ पर विराजित सभी पारंपरिक मुघौटे के दर्शन श्रद्धालुजन कर सकेंगे. पवित्र क्षिप्रा के घाट पर जलाभिषेक व पूजन अर्चन होगा. रामघाट पर विभिन्न नौकाएँ रंगबिरंगी छतरियों से इंद्रधनुषी प्रकाशमयी वर्षा कर उत्सवमयी छटा बिखेरेंगी. सभा मंडप, साक्षी गोपाल, सती माता, बड़े गणेश, हरसिद्धि माता आदि सभी स्थानो पर विशेष उत्सवी परम्पराएं आकार लेंगी. रामघाट पर सांसद श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया जी भगवान का पूज़न करेँगे.
सुरक्षा के संदर्भ में सभी नियमो का पालन, कहार आदि का कोरोना टेस्ट , सीमित उपस्थिति, श्रद्धालुओं का अपने निवास से संचार माध्यमों, केबल आदि पे आसान दर्शन सुनिस्चित किया गया है. स्थानीय केबल, यू-ट्यूब, मंदिर ऐप, वेबसाइट, फेसबुक पेज, ट्विटर के साथ ही अनेक चैनल पूरे सवारी मार्ग का जीवंत कवरेज लगातार करेंगे जिससे देश – विदेश के भी लाखों श्रद्धालु, दर्शन लाभ ले संकेंगे. भजन मंडली के श्रद्धालू सुरक्षा नियम अनुपालन करते हुए अपने घरों, ओटलों से ही श्रद्धा स्वरूप सवारी समय मे भजन, कीर्तन आदि करेगे

धूम-धाम से निकलेगी, भादों मास की दूसरी एवम श्रावण- भादों की आखरी सवारी