VHP Ultimatum To Andhra Govt: तिरूपति समेत सभी मंदिर हिंदुओं को सौंपे जाएं, VHP की मांग, ‘मुक्ति’ न मिलने दे डाली बड़ी चेतावनी!

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By Meghraj ChouhanPublished On: October 20, 2024

VHP Ultimatum To Andhra Govt: विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) ने आंध्र प्रदेश सरकार से तिरुपति बालाजी और राज्य के अन्य सभी मंदिरों को हिंदू समुदाय को सौंपने की मांग की है। विहिप ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो 5 जनवरी 2025 को बड़े पैमाने पर प्रदर्शन किया जाएगा।

मंदिरों के प्रबंधन पर सवाल

वीएचपी के राष्ट्रीय संयुक्त महासचिव डा. सुरेंद्र जैन ने कहा कि सरकारों और गैर-हिंदुओं का मंदिरों के प्रबंधन से कोई लेना-देना नहीं होना चाहिए। उन्होंने बताया कि तिरुपति बालाजी मंदिर के महाप्रसाद की पवित्रता को लेकर आई खबरों से हिंदू समुदाय नाराज है, और मंदिरों की सुरक्षा भी खतरे में है। उन्होंने आरोप लगाया कि जिहादियों द्वारा कई मंदिरों पर हमले किए गए हैं, लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।

हिंदू आस्थाओं का सम्मान

डॉ. जैन ने कहा कि सरकारों द्वारा मंदिरों का प्रबंधन असंवैधानिक है और इससे हिंदू आस्थाओं के साथ खिलवाड़ हो रहा है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यदि हिंदू मान्यताओं का सम्मान करना है, तो मंदिरों का प्रबंधन हिंदू समाज को सौंपा जाना चाहिए। उन्होंने न्यायपालिका के कई निर्णयों का भी उल्लेख किया, जिनमें सरकारों को मंदिरों के प्रबंधन से दूर रहने की सलाह दी गई है।

सांस्कृतिक हीन भावना का आरोप

वीएचपी नेता ने सरकारों पर आरोप लगाया कि वे सांस्कृतिक हीन भावना से ग्रस्त हैं। उन्होंने कहा कि मुस्लिम आक्रमणकारियों ने मंदिरों को लूटकर नष्ट किया, और अंग्रेजों ने इस पर नियंत्रण स्थापित किया। वर्तमान में, वे सेक्युलर राजनीतिक दलों को भी जिम्मेदार ठहराते हैं, जो मंदिरों की आय का दुरुपयोग कर रहे हैं।

मांगों की सूची

डा. जैन ने आंध्र प्रदेश सरकार को एक मांग पत्र पेश करते हुए कहा कि:

  • तिरुपति बालाजी और अन्य हिंदू मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त किया जाए।
  • गैर-हिंदुओं को मंदिरों के प्रशासन से हटाया जाए।
  • मंदिरों के आसपास कोई भी गैर-हिंदू दुकानें न हों।
  • हिंदू मंदिरों और आयोजनों पर हमले करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।
आंदोलन की चेतावनी

उन्होंने अंत में कहा कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो 5 जनवरी 2025 को विजयवाड़ा में एक विशाल प्रदर्शन आयोजित किया जाएगा। इसके बाद भी अगर मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त नहीं किया गया, तो एक बड़ा जन आंदोलन शुरू किया जाएगा।