प्रदेश के कई जिलों में लगातार हुई भारी बारिश के बावजूद बाढ़ की स्थिति नियंत्रण में रही। योगी सरकार ने राहत और बचाव कार्यों को युद्धस्तर पर संचालित किया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की दूरदर्शिता और प्रशासनिक कुशलता की वजह से लखीमपुर खीरी, सीतापुर, पीलीभीत और बाराबंकी जैसे जिलों में बाढ़ का प्रभाव न्यूनतम रहा।
यह संभव हो पाया क्योंकि सीएम के निर्देश पर नदियों की डेजिंग (सफाई और गहराई बढ़ाना) की गई, जिससे नदियां अपने प्राकृतिक प्रवाह में लौट गईं और पानी सही दिशा में बहने लगा। शारदा नहर में की गई डेजिंग इसका प्रमुख उदाहरण है, जहां पहले कई जिलों में बाढ़ आती थी, लेकिन इस बार उसका असर नहीं दिखा। इस पहल से लाखों लोग और हजारों हेक्टेयर खेत सुरक्षित रहे, साथ ही सरकार को करोड़ों रुपये का राजस्व भी प्राप्त हुआ।
हर साल बाढ़ या आपदा से होता है भारी नुक्सान
लखीमपुर खीरी के पलिया क्षेत्र में हर साल शारदा नहर का पानी बढ़ने से लगभग 2.5 लाख लोग और 10 हजार हेक्टेयर से अधिक कृषि भूमि प्रभावित होती थी। सीधे तौर पर 16 गांव और अप्रत्यक्ष रूप से डेढ़ लाख लोग बाढ़ की मार झेलते थे। समस्या के समाधान के लिए अधिकारियों ने मिट्टी का बांध बनाने का प्रस्ताव रखा था, जिसकी लागत 180 करोड़ रुपये और 200 किसानों की जमीन की आवश्यकता थी।
शारदा नहर की ताजा स्थिति, 4 लाख क्यूसेक पानी
शारदा नहर लगभग 12 जिलों से होकर बहती है। मानसून के दौरान नेपाल से छोड़े गए भारी पानी के कारण नहर का प्रवाह तेज हो जाता है। इस समय नहर में लगभग 4 लाख क्यूसेक पानी बह रहा है। पहले यह पानी इन 12 जिलों में भारी नुकसान पहुंचाता था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस समस्या को गंभीरता से लिया और लखीमपुर खीरी के शारदा नहर क्षेत्र में वर्षों से लंबित बांध निर्माण के मुद्दे को कुछ ही मिनटों में सुलझा दिया। उन्होंने दिखाया कि सही इच्छाशक्ति और रणनीति से करोड़ों रुपये के प्रोजेक्ट को कम खर्च और समय पर पूरा किया जा सकता है। इस पहल से प्रशासनिक दक्षता और किसानों के हितों के प्रति उनकी संवेदनशीलता सामने आई। 180 करोड़ रुपये का प्रोजेक्ट केवल 22 करोड़ में पूरा हुआ और लाखों किसानों को राहत मिली।
बाढ़ पर काबू पाने के लिए CM योगी का स्मार्ट तरीका
मुख्यमंत्री ने कहा कि मिट्टी का बांध दीर्घकालीन समाधान नहीं दे सकता और किसानों ने भी अपनी जमीन देने से इनकार किया था। इसके बाद उन्होंने सुझाव दिया कि नहर की 7.5 किलोमीटर लंबाई में डेजिंग की जाए। इससे नहर गहरी हो जाएगी और पानी एक दिशा में बहकर सीधे सरयू में पहुंचेगा, जिससे गांव और खेत बाढ़ से सुरक्षित रहेंगे। अधिकारियों ने बताया कि डेजिंग पर मात्र 22 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। मुख्यमंत्री ने तुरंत इसकी मंजूरी दी और काम शुरू करवा दिया।
आज डेजिंग का काम लगभग पूरा हो चुका है और नहर में पानी नियंत्रित तरीके से बह रहा है। इससे 16 गांव और हजारों किसान सुरक्षित रहे, उनकी जमीन और फसल को कोई नुकसान नहीं हुआ। नहर अब अपने मूल स्वरूप में बह रही है, जिससे सिंचाई की सुविधा भी बेहतर होगी।
पहले भी काम आया यही तरीका
2017 में सरयू नदी के एल्गिन ब्रिज क्षेत्र में भी हर साल बाढ़ की समस्या रहती थी। उस समय 115 करोड़ रुपये के ठेके दिए जाते थे, लेकिन समस्या का स्थायी समाधान नहीं निकलता था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वहां डेजिंग कराई, जिससे काम केवल 5 करोड़ रुपये में पूरा हुआ और स्थायी समाधान मिल गया।