वर्तमान में प्रदेश का लेबर फोर्स पार्टिसिपेशन रेट (एलएफपीआर) 44.6 प्रतिशत से बढ़कर 56.9 प्रतिशत हो गया है। महिला श्रम भागीदारी दर में भी अभूतपूर्व वृद्धि हुई है, जो 13.5 प्रतिशत से बढ़कर 34.5 प्रतिशत तक पहुंच गई। बेरोजगारी दर घटकर 3 प्रतिशत रह गई है और केवल एमएसएमई सेक्टर में ही 1.65 करोड़ रोजगार सृजित हुए हैं। वहीं औद्योगिक ऋण 3.54 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 9.24 लाख करोड़ रुपये तक पहुँच गया है।
प्रदेश में पंजीकृत फैक्ट्रियों की संख्या 14,169 से बढ़कर 27,295 तक पहुँच गई है। वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट (ओडीओपी) योजना के तहत 77 उत्पादों को जीआई टैग प्राप्त हुआ है, जिससे उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय स्तर पर शीर्ष स्थान पर पहुँच गया है। वहीं, एमएसएमई इकाइयों की संख्या 96 लाख तक पहुंच गई है, जो पूरे देश में सबसे अधिक है।
सरकार का उद्देश्य है कि 2030 तक प्रदेश में महिला श्रम भागीदारी दर 50 प्रतिशत तक पहुँच जाए और 2047 तक यह पुरुषों के स्तर के बराबर हो जाए।