मध्य प्रदेश के हरदा जिले में दयोदय गौशाला ने एक अनोखी पहल की है। यहां गर्भवती गायों के लिए इंसानों जैसे ‘मेटरनिटी वार्ड’ की स्थापना की गई है। यह पहल पूरे देश में अपनी तरह की पहली सुविधा है। अब तक केवल मानव अस्पतालों में प्रसव के लिए विशेष वार्ड मौजूद थे, लेकिन हरदा में अब गायों को भी सुरक्षित प्रसव का हक मिला है। इस वार्ड में चौबीस घंटे डॉक्टर और गौसेवक तैनात रहेंगे, ताकि किसी भी आपात स्थिति में तुरंत चिकित्सा उपलब्ध हो सके।
प्रसव के दौरान सुरक्षित देखभाल
इस नए मेटरनिटी वार्ड का उद्देश्य गायों की मौत दर को कम करना है। पहले प्रसव के दौरान जटिलताओं के कारण कई गायें दम तोड़ देती थीं। अब इस वार्ड में गर्भवती गायों के साथ-साथ नवजात बछड़ों की भी देखभाल की जाएगी। प्राथमिक दिनों में उनकी बेहतर पोषण व्यवस्था और चिकित्सीय निगरानी सुनिश्चित की जाएगी, जिससे प्रसव सुरक्षित और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से मुक्त हो सके।
उद्घाटन और स्थानीय प्रतिक्रिया
इस विशेष वार्ड का उद्घाटन हरदा से कांग्रेस विधायक राम किशोर डोंगने ने किया। इस कदम को लेकर स्थानीय लोगों में उत्साह देखने को मिल रहा है। ग्रामीण और शहरी लोग इसे गायों के संरक्षण और सेवा के लिए ऐतिहासिक पहल मान रहे हैं। लोगों का कहना है कि इससे गायों की सुरक्षा और स्वास्थ्य बेहतर होगा और प्रसव के समय किसी भी जटिल परिस्थिति में तत्काल मदद मिल सकेगी।
भविष्य में विस्तार की संभावना
हालांकि यह सुविधा फिलहाल हरदा जिले तक सीमित है, लेकिन इसके सफल संचालन के बाद अन्य जिलों और राज्यों में भी इसे लागू करने की संभावना जताई जा रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर इस मॉडल को अन्य स्थानों पर भी अपनाया गया तो देशभर में गायों के सुरक्षित प्रसव और नवजात बछड़ों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकेगी।
पशु कल्याण में नई दिशा
इस पहल से गायों के स्वास्थ्य और जीवन की सुरक्षा में बड़ी सुधार की उम्मीद है। इससे न केवल पशु कल्याण को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि किसानों और गौपालकों के लिए भी राहत की बात है। यह कदम गायों की सेवा, संरक्षण और उनके स्वास्थ्य की निगरानी में एक नया मानक स्थापित करता है।