ट्रंप की चाल और चीन के वार से कांप उठा गोल्ड मार्केट, अभी और गिर सकती है कीमत

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By Abhishek SinghPublished On: April 5, 2025

Gold Price Today: शुक्रवार को भारतीय कमोडिटी बाजार में तेज गिरावट का रुख देखने को मिला, जब मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर जून 2025 डिलीवरी वाले गोल्ड फ्यूचर्स की कीमत में 2,800 रुपये से अधिक की कमी दर्ज की गई। यह गिरावट चीन की ओर से अमेरिका पर 34% प्रतिकारी शुल्क लगाने की घोषणा के तुरंत बाद सामने आई, जिसके चलते सोने की कीमतों में अचानक गिरावट आ गई।

तकनीकी विश्लेषण से क्या समझ आता है?

अगर देखा जाए तो कॉमैक्स गोल्ड को 3,120 से 3,130 डॉलर के दायरे में मजबूत रेजिस्टेंस का सामना करना पड़ रहा है। वहीं, यदि इसकी कीमत 3,050 डॉलर के स्तर से नीचे जाती है, तो इसमें और तेज गिरावट की संभावना बन सकती है।

90 हजार से 88,130 तक का सफर, गोल्ड में बड़ी गिरावट

ट्रंप की चाल और चीन के वार से कांप उठा गोल्ड मार्केट, अभी और गिर सकती है कीमत

शाम 7:34 बजे तक सोने की कीमत 90,057 रुपये से घटकर 88,099 रुपये प्रति 10 ग्राम तक आ गई, यानी करीब 2.17% की गिरावट दर्ज की गई। इसी दौरान, ग्लोबल स्पॉट गोल्ड की कीमत भी 2.4% लुढ़क कर 3,041.11 डॉलर प्रति औंस पर आ गई।

क्या भारतीय बाजार में भी सस्ता होगा सोना?

असल में, ट्रंप द्वारा गोल्ड और सिल्वर को टैरिफ से बाहर रखने के फैसले से सप्लाई को लेकर चिंता कुछ हद तक कम हो गई। इसका असर यह हुआ कि Comex में इन्वेंट्री बढ़ने लगी और दामों पर दबाव बनने लगा। ऐसे माहौल में घरेलू बाजार में सोने का 88,800 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर के ऊपर टिके रहना चुनौतीपूर्ण हो सकता है। अगर यह सपोर्ट लेवल टूटता है, तो कीमतें 87,000 रुपये तक फिसल सकती हैं।

यदि मौजूदा ट्रेंड जारी रहा, तो सोने की कीमतें और नीचे गिरकर 84,000 रुपये प्रति 10 ग्राम तक भी पहुंच सकती हैं। साथ ही, अमेरिका की मज़बूत जॉब रिपोर्ट ने यह संकेत दे दिया है कि फेडरल रिजर्व इस साल जल्दबाज़ी में ब्याज दरों में कटौती नहीं करेगा। इन तमाम कारकों के चलते गोल्ड पर दबाव और बढ़ गया है।

किस वजह से टूटा सोने का भाव?

असल में, बाज़ार पहले से ही ट्रेड वॉर की आशंका को लेकर सतर्क था। लेकिन जैसे ही अमेरिका की ओर से टैरिफ पर आधिकारिक ऐलान हुआ, निवेशकों ने प्रॉफिट बुकिंग शुरू कर दी। बीते कुछ महीनों में ट्रेड वॉर की संभावनाएं पहले ही कीमतों में शामिल हो चुकी थीं, इसलिए खबर की पुष्टि के साथ ही मुनाफावसूली देखने को मिली। इसके अलावा, रूस-यूक्रेन और मिडिल ईस्ट में फिलहाल तनाव में थोड़ी नरमी आई है, जिससे सोने जैसी “सुरक्षित निवेश” (safe haven asset) की मांग में भी कमी आ सकती है।