नौकरी घोटाले में टिप्पणी से परेशान सेंथिल बालाजी, सुप्रीम कोर्ट में रखी अपनी बात

Saurabh Sharma
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तमिलनाडु के पूर्व मंत्री सेंथिल बालाजी एक बार फिर सुर्खियों में हैं। इस बार उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने खिलाफ 2022 के फैसले में की गई कुछ टिप्पणियों को हटाने की अपील की है। ये मामला उनके खिलाफ “नौकरी के बदले पैसे” घोटाले से जुड़ा है, जिसमें उन पर आरोप है कि उन्होंने अपने मंत्री कार्यकाल (2011-2015) के दौरान परिवहन विभाग में भ्रष्ट तरीके से भर्तियां कीं। सुप्रीम कोर्ट की तीखी टिप्पणियों को लेकर बालाजी ने चिंता जताई है कि इससे निचली अदालत में निष्पक्ष सुनवाई पर असर पड़ सकता है।

सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी पर आपत्ति, निष्पक्ष सुनवाई पर सवाल

पूर्व मंत्री सेंथिल बालाजी का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने 8 सितंबर 2022 को अपने फैसले में जो कड़ी टिप्पणियां की थीं, वे उनके मामले की निष्पक्ष सुनवाई के अधिकार (अनुच्छेद 21) का हनन कर सकती हैं। उन्होंने कोर्ट से आग्रह किया है कि उन टिप्पणियों को फैसले से हटा दिया जाए, जिससे निचली अदालत पर किसी तरह का दबाव या पूर्वाग्रह न हो।

SC ने कहा था – जांच अधिकारी ने किया कमजोर प्रयास

सुप्रीम कोर्ट ने 2022 में कहा था कि सेंथिल बालाजी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (PC एक्ट) के तहत केस साफ तौर पर बनता है। कोर्ट ने जांच अधिकारी पर सवाल उठाते हुए टिप्पणी की थी कि ऐसा लगता है जैसे वह “हमला करने को तैयार, लेकिन घायल करने से डर रहा हो।” कोर्ट ने यह भी कहा था कि राज्य सरकार को घोटाले की व्यापक जांच करानी चाहिए थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

मंत्री पद से दिया इस्तीफा, SC की फटकार के बाद लिया फैसला

इस पूरे मामले में सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद सेंथिल बालाजी ने अप्रैल 2024 में मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। कोर्ट ने 23 अप्रैल को उन्हें स्पष्ट शब्दों में कहा था कि वह “पद और स्वतंत्रता” में से किसी एक को चुनें। कोर्ट ने चेतावनी दी थी कि अगर वह इस्तीफा नहीं देंगे तो उनकी जमानत रद्द कर दी जाएगी। इसके चार दिन बाद ही बालाजी ने इस्तीफा सौंप दिया।

ED की जांच, 15 महीने जेल और अब जमानत पर बाहर

इस घोटाले की जांच प्रवर्तन निदेशालय (ED) कर रही है। ED ने जुलाई 2021 में मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया था, जिसकी नींव 2018 में दर्ज की गई तीन एफआईआर पर आधारित थी। इन एफआईआर में आरोप था कि बालाजी ने पैसे लेकर सरकारी नौकरियां दिलवाईं। इस मामले में बालाजी ने 15 महीने जेल में बिताए और फिर 26 सितंबर 2024 को सुप्रीम कोर्ट से उन्हें जमानत मिली। कोर्ट ने कहा था कि निकट भविष्य में मुकदमा पूरा होने की कोई संभावना नहीं है, इसलिए उन्हें जमानत दी जा रही है।