SC का आदेश, कोरोना से मरने वालों के परिवार को मुआवजा दे सरकार

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By Akanksha JainPublished On: August 16, 2021

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने आज यानी सोमवार को केंद्र सरकार को कोरोना मृतकों के आश्रितों को मुआवजा देने के लिए गाइंडलाइंस को लेकर आदेश दिए है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने गाइडलाइन्स बनाने को चार सप्ताह का वक्त दिया है। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एमआर शाह की बेंच ने इसी मामले में केंद्र सरकार से बीते 30 जून को सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर लिए गए किसी भी एक्शन की जानकारी देने को कहा। साथ ही केंद्र सरकार ने एक हलफनामा दायर का कोर्ट से चार हफ्ते का और वक्त मांगा।

आपको बता दें कि, 30 जून को हुई सुनवाई में केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि कोरोना से जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों को 4 लाख रुपये का मुआवजा नहीं दिया जा सकता है। सरकार ने कहा था कि आपदा कानून के तहत अनिवार्य मुआवजा केवल प्राकृतिक आपदाओं जैसे भूकंप, बाढ़ आदि पर ही लागू होता है। सरकार की ओर से कहा गया कि अगर एक बीमारी से होने वाली मौत पर अनुग्रह राशि (ex-gratia) दी जाए और दूसरी पर नहीं तो ये गलत होगा। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया था कि वो मुआवजे के लिए गाइडलाइंस बनाए।

इसके साथ ही कोर्ट ने कहा है कि तीस जून के निर्णय के आधार पर गाइडलाइंस बनाने के लिए चार हफ्ते का वक्त दिया जा रहा है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में कोरोना से होने वाली मौत पर मुआवजा देने संबंधी याचिका दाखिल की गई थी। इस याचिका में केंद्र और राज्यों को आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के तहत संक्रमण के कारण जान गंवाने वाले लोगों के परिवार को चार लाख रुपये अनुग्रह राशि देने का अनुरोध किया गया है।

सुप्रीम कोर्ट में दो वकीलों गौरव कुमार बंसल और रीपक कंसल की तरफ से याचिका दाखिल की गई थी, जिस पर तीस जून को कोर्ट ने फैसला सुनाया था। याचिका में कहा गया था कि नेशनल डिज़ास्टर मैनेजमेंट एक्ट की धारा 12 में आपदा से मरने वाले लोगों के लिए सरकारी मुआवजे का प्रावधान है। पिछले साल केंद्र ने सभी राज्यों को कोरोना से मरने वाले लोगों को 4 लाख रुपये मुआवजा देने के लिए कहा था। इस साल ऐसा नहीं किया गया है, याचिकाकर्ताओं ने यह भी कहा कि अस्पताल से मृतकों को सीधा अंतिम संस्कार के लिए ले जाया जा रहा है, न उनका पोस्टमॉर्टम होता है न डेथ सर्टिफिकेट में लिखा जाता है कि मृत्यु का कारण कोरोना था। ऐसे में अगर मुआवजे की योजना शुरू भी होती है तो लोग उसका लाभ नहीं ले पाएंगे।