आतंकियों की गिरफ्तारी के बाद हुआ खुलासा, PAK में चली थी 15 दिन ट्रेनिंग

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By Akanksha JainPublished On: September 14, 2021

नई दिल्ली। आज दिल्ली समेत कई जगहों से 6 आतंकवादियों की गिरफ़्तारी हुई है। दिल्ली में बड़े आतंकी मॉड्यूल का पर्दाफाश होने के बाद से ही कई अहम खुलासे हो रहे हैं। जांच के दौरान पता चला है कि पकड़े गए 6 आरोपियों में से ओसामा और जीशान मस्कट के रास्ते पाकिस्तान पहुंचे थे, जहां उन दोनों को आतंकी ट्रेनिंग दी गई थी। दोनों को ट्रेनिंग देने का काम किसी आतंकी ने नहीं बल्कि पाकिस्तानी फौज के दो अफसरों ने किया था। उनके साथ एक अन्य पाकिस्तानी नागरिक भी वहां मौजूद था।

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साथ ही दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल को पूछताछ में पता चला कि इसी साल अप्रैल में ओसामा और जीशान ओमान के रास्ते पाकिस्तान के कराची पहुंचे थे। पहले वे ओमान से जियोनी गए थे और वहां से उन दोनों को कराची के पास भेजा गया था। हैरानी की बात यह है कि इस काम को अंजाम देने में पाक एजेंसी आईएसआई का हाथ सामने आ है। आईएसआई ने उन दोनों को ओमान से पाकिस्तान तक पहुंचाने के लिए पानी के रास्ते का इस्तेमाल किया और वे बोट से पाकिस्तान गए थे।

जानकारी के मुताबिक आरोपी ओसामा 22 अप्रैल, 2021 को सलाम एयर की फ्लाइट से लखनऊ से मस्कट, ओमान के लिए रवाना हुआ था। वो मस्कट पहुंचा, वहां उसकी मुलाकात प्रयागराज, यूपी के निवासी जीशान से हुई, जो पाकिस्तान में ट्रेनिंग हासिल करने के लिए भारत से वहां पहुंचा था। उनके साथ 15-16 बांग्ला भाषी लोग भी शामिल थे, जो शायद बांग्लादेश से आए थे। उन्हें अलग-अलग ग्रुप में बांट दिया गया था।

जीशान और ओसामा को एक ही ग्रुप में रखा गया था. इसके बाद अगले कुछ दिनों तक उनका सफर चलता रहा। कई छोटी समुद्री यात्राओं के बाद और कई बार नाव बदलने के बाद उन सभी को ग्वादर बंदरगाह, पाकिस्तान के पास जियोनी शहर में ले जाया गया। जहां उनका स्वागत एक पाकिस्तानी ने किया जो उन्हें पाकिस्तान के थट्टा में एक फार्म हाउस पर ले गया। उस फार्म हाउस में तीन पाकिस्तानी नागरिक मौजूद थे। इनमें से दो जब्बार और हमजा ने उन्हें ट्रेनिंग दी।

ये दोनों पाकिस्तानी सेना के अफसर थे, क्योंकि उन्होंने सेना की वर्दी भी पहनी हुई थी। वहां उन्हें दैनिक उपयोग की वस्तुओं की मदद से बम और आईईडी बनाने और आगजनी करने का प्रशिक्षण दिया गया। बता दें कि, साथ ही उन्हें छोटी बंदूकों, हथियारों और एके-47 को संभालने और उनका इस्तेमाल करने की ट्रेनिंग भी दी गई। आतंकी ट्रेनिंग लगभग 15 दिनों तक चली और इसके बाद, उन्हें उसी मार्ग से ओमान के मस्कट वापस ले जाया गया था।