कांग्रेस में फेरबदल का दौर जारी, अब कई राज्यों में बदलाव की तैयारी, जानें क्या होगा अगला कदम ?

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By Abhishek SinghPublished On: February 15, 2025

कांग्रेस के शीर्ष संगठन में हुए फेरबदल के बाद अब कुछ राज्यों में संगठनात्मक बदलाव की चर्चाएं तेज हो गई हैं। पार्टी विशेष रूप से उन राज्यों पर ध्यान केंद्रित कर रही है, जहां आगामी वर्षों में चुनाव होने वाले हैं और जहां वह प्रमुख चुनावी प्रतिस्पर्धी के रूप में मौजूद है।

इस प्रक्रिया में पंजाब, गुजरात और राजस्थान के साथ-साथ कर्नाटक जैसे राज्यों में भी प्रदेश संगठन के नेतृत्व में संभावित बदलाव पर गहन विचार-विमर्श किया जा रहा है।

केंद्रीय संगठन में गहलोत की एंट्री संभव?

छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को महासचिव बनाकर केंद्रीय राजनीति में सक्रिय भूमिका सौंपने और राज्य में दूसरी पीढ़ी के नेतृत्व को आगे बढ़ाने की रणनीति अपनाई गई है। इसी क्रम में अब यह चर्चा तेज हो गई है कि राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत को भी कांग्रेस के केंद्रीय संगठन में अहम जिम्मेदारी दी जा सकती है।

राजस्थान के पिछले विधानसभा चुनाव में हार के बाद अशोक गहलोत फिलहाल पार्टी में किसी आधिकारिक पद पर नहीं हैं। वहीं, सामाजिक समीकरणों को ध्यान में रखते हुए राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा को अभी बदलने के कोई संकेत नहीं मिले हैं।

इन राज्यों में हुए संगठनात्मक बदलाव

वरिष्ठ नेता अर्जुन मोडवाड़िया के पिछले वर्ष कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल होने के बाद, आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए संगठन को मजबूत करना कांग्रेस नेतृत्व के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है। ऐसे में पार्टी के पास सोलंकी जैसे कुछ ही प्रमुख चेहरे विकल्प के रूप में मौजूद हैं।

कर्नाटक में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष का पद अभी भी डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार के पास है, जबकि वहां पार्टी के आंतरिक सत्ता संतुलन को लेकर सियासी हलचल तेज हो रही है। वहीं, महाराष्ट्र और ओडिशा में इसी सप्ताह नए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्षों की नियुक्ति की गई है।

भूपेश बघेल को पंजाब का प्रभारी महासचिव बनाए जाने के बाद प्रदेश संगठन में संभावित बदलाव को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं। हालांकि पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वारिंग हाईकमान की पसंद माने जाते हैं, लेकिन राज्य में अगला चुनाव जीतने की रणनीति के तहत नेतृत्व परिवर्तन के विकल्प पर भी विचार-विमर्श किया जा रहा है।

राजस्थान में नए नेतृत्व की खोज जारी

गहलोत को पार्टी के शीर्ष संगठन में महासचिव की जिम्मेदारी सौंपकर उन्हें राजस्थान से केंद्रीय राजनीति में लाने की योजना पर लंबे समय से आंतरिक चर्चा चल रही है। हालांकि राजस्थान में अगला विधानसभा चुनाव लगभग चार साल बाद है, लेकिन पार्टी भविष्य की चुनौतियों को देखते हुए राज्य में नए नेतृत्व को आगे लाने के लिए अभी से सक्रिय हो गई है।

गहलोत के प्रमुख प्रतिद्वंद्वी, युवा नेता सचिन पायलट पहले से ही महासचिव के रूप में केंद्रीय राजनीति में सक्रिय हैं। यदि गहलोत दिल्ली की राजनीति में लौटते हैं, तो पायलट के लिए राजस्थान में नेतृत्व संभालने का रास्ता एक बार फिर खुल सकता है। वहीं, एआईसीसी में शुक्रवार को हुए फेरबदल के तहत जम्मू-कश्मीर के प्रभारी पद से हटाए गए भरत सोलंकी को कांग्रेस नेतृत्व द्वारा फिर से गुजरात में सक्रिय करने के संकेत मिल रहे हैं।