मध्यप्रदेश कांग्रेस ने हाल ही में प्रदेश के 71 शहर और ग्रामीण अध्यक्षों की नई सूची जारी की है। इस सूची में 5 वर्तमान विधायक, 8 पूर्व विधायक, 4 महिलाओं और 2 मुस्लिम नेताओं को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई है। हालांकि, इस सूची के सामने आते ही प्रदेशभर में तीखा विरोध शुरू हो गया है। कई जिलों में अध्यक्ष की दौड़ में शामिल दावेदारों ने नाराजगी जताते हुए अपने वर्तमान पदों से इस्तीफे तक सौंप दिए हैं।
जिम्मेदारियों को लेकर उठा विवाद
नई सूची जारी होने के बाद पार्टी के भीतर असंतोष की लहर फैल गई है। कई वरिष्ठ नेताओं और स्थानीय कार्यकर्ताओं का कहना है कि उनकी उपेक्षा की गई है। कुछ जिलों में पदाधिकारी खुले तौर पर फैसले पर सवाल उठा रहे हैं। विरोध इतना बढ़ा कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी और अन्य वरिष्ठ नेता डैमेज कंट्रोल में जुटे हुए हैं, ताकि पार्टी के भीतर चल रहे मतभेद को जल्द खत्म किया जा सके।
जयवर्धन सिंह ने दी अहम जानकारी
इसी बीच, राघौगढ़ से पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के बेटे और नव नियुक्त अध्यक्ष जयवर्धन सिंह ने एक बड़ी जानकारी साझा की है। उन्होंने बताया कि नए अध्यक्षों को 24 अगस्त को दिल्ली बुलाया गया है। यहां कांग्रेस नेता राहुल गांधी स्वयं सभी को संबोधित करेंगे और संगठन को मजबूत बनाने के लिए राजनीतिक दिशा-निर्देश देंगे।
राहुल गांधी देंगे संगठन की मजबूती के मंत्र
दिल्ली में होने वाली इस बैठक में नव नियुक्त शहर और ग्रामीण अध्यक्षों को संगठनात्मक कौशल और राजनीतिक रणनीति पर ट्रेनिंग दी जाएगी। राहुल गांधी का मकसद है कि मध्यप्रदेश कांग्रेस आने वाले समय में एकजुट होकर विपक्ष की भूमिका को और मजबूती से निभाए। पार्टी चाहती है कि हर जिले और शहर में कांग्रेस का संगठन जमीनी स्तर तक सक्रिय और प्रभावशाली बने।
गुजरात मॉडल पर आधारित होगी ट्रेनिंग
इस ट्रेनिंग की सबसे खास बात यह है कि इसे “गुजरात मॉडल” पर आधारित किया गया है। कांग्रेस संगठनात्मक स्तर पर गुजरात में अपनाए गए तरीकों को मध्यप्रदेश में लागू करना चाहती है। इस दौरान नेताओं को आगामी चुनौतियों से निपटने के लिए विशेष रणनीतियां सिखाई जाएंगी। साथ ही, जमीनी स्तर पर जनता से जुड़ने और कार्यकर्ताओं को सक्रिय बनाए रखने के लिए आवश्यक सुझाव भी दिए जाएंगे।