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PM मोदी ने किया Tata Aircraft कॉम्प्लेक्स का उद्घाटन, रतन टाटा को लेकर कही ये बड़ी बात

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By Meghraj ChouhanPublished On: October 28, 2024

आज वडोदरा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और स्पेन के प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज़ ने टाटा एयरक्राफ्ट कॉम्प्लेक्स का उद्घाटन किया। इस नवीनतम विनिर्माण सुविधा में C-295 सैन्य विमान का निर्माण किया जाएगा, जो कि भारतीय रक्षा आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह संयंत्र भारत की पहली निजी क्षेत्र की अंतिम असेंबली लाइन (एफएएल) है।

भारत और स्पेन के बीच बड़ा समझौता

भारत और स्पेन के बीच 2021 में C-295 सैन्य विमान के उत्पादन के लिए एक समझौता हुआ था, जिसकी कुल लागत 21,935 करोड़ रुपये है। इस समझौते के अंतर्गत भारतीय वायु सेना के पुराने एवरो-748 विमानों को बदलने के लिए 56 C-295 विमानों की आपूर्ति की जाएगी। इनमें से 16 विमान स्पेन में पूरी तरह से असेंबल किए जाएंगे, जबकि 40 विमान वडोदरा के टाटा एडवांस सिस्टम्स (TASL) प्लांट में बनाए जाएंगे। वडोदरा में निर्मित पहले C-295 विमान का निर्माण सितंबर 2026 तक पूरा होगा, और सभी विमानों की डिलीवरी अगस्त 2031 तक की जाएगी।

रतन टाटा को याद करते हुए पीएम मोदी
PM मोदी ने किया Tata Aircraft कॉम्प्लेक्स का उद्घाटन, रतन टाटा को लेकर कही ये बड़ी बात

इस ऐतिहासिक अवसर पर, प्रधानमंत्री मोदी ने टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा को याद किया। उन्होंने कहा कि यदि रतन टाटा आज यहां होते, तो उन्हें बहुत खुशी होती। मोदी ने कहा कि यह संयंत्र भारत और स्पेन के बीच संबंधों को मजबूत करेगा और वडोदरा में बने विमानों का भविष्य में निर्यात भी किया जाएगा। उन्होंने ‘मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड’ मिशन के अंतर्गत इस परियोजना की महत्ता को भी रेखांकित किया।

स्पेन के प्रधानमंत्री की टिप्पणी

प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज़ ने उद्घाटन के अवसर पर कहा कि यह साझेदारी भारतीय एयरोस्पेस उद्योग की प्रगति में योगदान देगी और अन्य यूरोपीय कंपनियों के लिए नए अवसर खोलेगी। उन्होंने इस परियोजना को दो प्रतिष्ठित कंपनियों के बीच सहयोग का प्रतीक बताया और पीएम मोदी की प्रशंसा की, यह कहते हुए कि उनका दृष्टिकोण भारत को एक औद्योगिक महाशक्ति बनाने में मदद करेगा।

इस उद्घाटन समारोह ने न केवल भारत की रक्षा उद्योग में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा दिया है, बल्कि भारत और स्पेन के बीच सहयोग के नए द्वार भी खोले हैं। यह परियोजना भारतीय एयरोस्पेस क्षेत्र में एक नई उम्मीद और विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।