Padma Awards: पद्म श्री से सम्मानित होंगे उज्जैन के माच कलाकार ओमप्रकाश शर्मा और डा.भगवतीलाल राजपुरोहित

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By Meghraj ChouhanPublished On: January 26, 2024

मालवा के लोगों के लिए केंद्र सरकार की तरफ से एक बड़ी खुशखबरी आयी है कि केंद्र सरकार ने उज्जैन के 85 वर्षीय ओमप्रकाश शर्मा को पद्म श्री सम्मान करने के लिए चुना हे। ओमप्रकाश शर्मा अपने मालवा की लोक गायन शैली माच को आगे बढ़ाने वाले रंगमंच के नायकों में से एक है। 85 वर्षीय ओमप्रकाश शर्मा माच और हिंदी रंगमंच के उस्ताद कालूराम शर्मा जी के पौते और पंडित शालिग्राम शर्मा के बेटे हैं।

ओमप्रकाश शर्मा जी का संबंध दौलतगंज घराना से है। मगर वह फिलहाल नानाखेड़ा स्थित अथर्व विहार कालोनी में रहते है। उन्होंने अपना सारा जीवन मालवा की प्रशिद्ध माच लेखन और नाट्य संगीत को समर्पित किया। उनका माच लेखन का आधुनिक रंगमंच में किया प्रयोग अविस्मरणीय है। ओमप्रकाश शर्मा जी ने अपने जीवन का अत्यधिक समय यानी करीब 75 साल मालवा की लोक गायन शैली माच जो करीब 200 साल पुरानी लोक नृत्य नाटिका है, उसे बेहतर और आगे बढ़ाया है।

इन्हें भारत सरकार के द्वारा संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार, मध्यप्रदेश सरकार के द्वारा शिखर सम्मान, तुलसी सम्मान सहित कई पुरस्कारों से सम्मानित किए जा चुके हैं। इसके साथ ही वह आठ नाटकों का लेखन भी कर चुके हैं। ओमप्रकाश शर्मा के साथ उज्जैन के डा.भगवतीलाल राजपुरोहित का भी पद्मश्री पुरस्कार के लिए चयन किया गया है।

82वर्षीय डा.भगवतीलाल राजपुरोहित का जन्म धार और उनकी कर्म स्थली उज्जैन रही है। इन्हें सरकार द्वारा शिखर सम्मान, संगीत नाटक एकेडमी पुरस्कार, राजाभोज पुरस्कार, डा राधाकृष्ण सम्मान और बालकृष्ण शर्मा ‘नवीन’ पुरस्कार से नवाज़ा गया है। डा.भगवतीलाल ने अपने जीवन का सबसे अत्यधिक समय लेखन को दिया है। उन्होंने महाकवि कालिदास, महान शासक रहे सम्राट विक्रमादित्य, रोजा भोज और लोक साहित्य पर अनेकों किताबें लिखी है।