एक बार फिर कैप्टन पर हमलावार हुए सिद्धू, CM पर दागे सवाल

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By Akanksha JainPublished On: August 10, 2021

नई दिल्ली। पंजाब में लम्बे समय के बाद सियासी घमासान शांत हुआ था लेकिन एक बार फिर यह बढ़ता नजर आ रहा है। जिसके चलते पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ लंबी तकरार के बाद अब नवजोत सिंह सिद्धूपंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष है। वही अध्यक्ष बनने के बाद से उनके अंदाज काफी अलग नजर आ रहे है और वे एक्टिव मोड में भी दिख रहे हैं। इसी कड़ी में सिद्धू ने एक बार फिर से पंजाब सरकार पर ढाबा बोला है। उन्होंने ट्वीट पंजाब सरकार के सामने एक के बाद एक सवालों की झड़ी लगा दी। साथ ही इस बार उन्होंने नशे के मुद्दे पर सरकार से सवाल पूछे हैं।

बता दें कि, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने ट्वीट करके कहा कि फरवरी 2018 में, एडीजीपी हरप्रीत सिद्धू की अध्यक्षता में एसटीएफ ने पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय में “स्टेटस रिपोर्ट” दायर की, जिसमें ईडी द्वारा दर्ज किए गए बयानों और सबूतों की जांच की गई, जो कि बिक्रमजीत सिंह मजीठिया और अन्य मादक पदार्थों की तस्करी में शामिल होने के मामले में माननीय न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किए गए थे।

एक बार फिर कैप्टन पर हमलावार हुए सिद्धू, CM पर दागे सवाल

उन्होंने कहा कि मैंने 2018 में प्रेस कॉंन्फ्रेंस करके सरकार से एसटीएफ द्वारा कोर्ट में रखी गई जानकारी पर तुरंत कार्रवाई करने की अपील की थी। उन्होंने कहा कि माननीय उच्च न्यायालय ने पंजाब सरकार को एसटीएफ रिपोर्ट पर कानून के अनुसार आगे बढ़ने के निर्देश दिए थे। 23 मई 2018 को सरकार ने कोर्ट ओपिनियन-कम-स्टेटस रिपोर्ट के समक्ष दायर किया जो अभी भी सीलबंद लिफाफे में बंद है। ढाई साल की देरी के बाद पंजाब की जनता को और कितना इंतजार करना चाहिए?

इसके साथ ही उन्होंने पूछा कि इस पूरे मामले पंजाब सरकार और पंजाब पुलिस ने क्या जांच की थी। इस बात को पूरी तरह से जनता के सामने रखा जाए। सरकार ने रिपोर्ट प्रस्तुत करने के बाद ढाई वर्षों में क्या कार्रवाई की. सरकार को पारदर्शिता रखनी चाहिए और उसे जनता के प्रति जवाब देह होना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि इस तरह के मामले पंजाब के युवाओं के जीवन को प्रभावित कर रहे हैं और इस मामले पर माननीय न्यायालय द्वारा पिछले ढाई वर्षों में कोई ठोस आदेश पारित नहीं किया गया है। सरकार को चाहिए कि वह मजीठिया के खिलाफ मामले को जल्द से जल्द निष्कर्ष तक पहुंचाने के लिए याचिका दायर करे, ताकि दोषियों को सजा दी जा सके।