Oilseed Processing Unit : देश में तिलहन की फसलों की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं, और इसका असर आम उपभोक्ताओं के साथ-साथ किसानों पर भी पड़ रहा है। इस स्थिति से निपटने के लिए सरकार ने एक नई योजना शुरू की है।
योजना का उद्देश्य तिलहन प्रसंस्करण इकाई लगाने को बढ़ावा देना है, जिससे किसानों को ताजा तेल निकालने का अवसर मिलेगा और इसके साथ ही तेल की कीमतों में बढ़ोतरी को भी रोका जा सकेगा।

किसानों को मिलेगा 33% अनुदान
सरकार ने तिलहन प्रसंस्करण इकाई स्थापित करने के लिए किसानों को 33% तक का अनुदान देने का फैसला लिया है। इसका मतलब यह है कि 10 टन प्रोसेसिंग क्षमता वाली इकाई लगाने के लिए किसानों को अधिकतम 9.90 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी। इस योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को 67% लागत स्वयं उठानी होगी, लेकिन सरकार की सहायता से यह एक लाभकारी कदम साबित हो सकता है।
कौन-कौन सी फसलें होंगे लाभान्वित?
सरकार द्वारा इस योजना के तहत जिन फसलों के किसानों को फायदा मिलेगा, उनमें प्रमुख हैं – सरसों, सूरजमुखी, तिल, मूंगफली और सोयाबीन। इन फसलों के किसान तेल प्रसंस्करण इकाई लगाकर सीधे तेल का उत्पादन कर सकते हैं और अपनी आय में वृद्धि कर सकते हैं।
सरकार का 10,000 करोड़ रुपये का निवेश
इस योजना के तहत सरकार ने किसानों को सहायता देने के लिए 10,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का बजट निर्धारित किया है। इससे न केवल किसानों की आर्थिक स्थिति बेहतर होगी, बल्कि देश में तेल के आयात पर भी निर्भरता कम होगी और स्थानीय तेल उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा।
कैसे करें आवेदन?
अगर आप तिलहन प्रसंस्करण इकाई लगाने के इच्छुक हैं, तो आप “नेशनल मिशन ऑन एडिबल ऑयल- ऑयल सीड” योजना के तहत आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए आपको कृषि आयुक्त विभाग से संपर्क करना होगा, जहां से आपको आवेदन प्रक्रिया और अन्य संबंधित जानकारी प्राप्त हो सकती है। आवेदन करने के बाद, चयनित किसानों की सूची जारी की जाएगी, और उन किसानों को अनुदान का लाभ मिलेगा।