मध्यप्रदेश में वक्फ संशोधन अधिनियम के लागू होने के बाद वक्फ संपत्तियों को लेकर बड़ा एक्शन प्लान तैयार किया गया है। वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष संवर पटेल ने इस अधिनियम के तहत राज्य भर में अवैध कब्जों के खिलाफ सख्त कदम उठाने की घोषणा की है। उन्होंने बताया कि फिलहाल 2000 से ज्यादा ऐसे लोगों की पहचान हो चुकी है, जिन्होंने वक्फ की संपत्तियों पर अवैध रूप से कब्जा कर रखा है।
इन सभी को जल्द ही नोटिस भेजे जाएंगे, जिसमें उनसे संपत्ति खाली करने या कानूनी किराएदार बनने के लिए कहा जाएगा। अगर वे ऐसा नहीं करते, तो कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी।

कांग्रेस नेताओं पर अवैध कब्जे का आरोप
इस मुद्दे ने राजनीतिक तूल भी पकड़ लिया है। वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष संवर पटेल ने सीधे तौर पर कांग्रेस नेताओं पर वक्फ संपत्तियों पर कब्जा करने का आरोप लगाया है। उन्होंने दावा किया कि इन संपत्तियों पर अधिकांश कब्जाधारी कांग्रेस से जुड़े हुए हैं। यहां तक कि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष और AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी पर भी आरोप लगाए गए हैं। पटेल का कहना है कि ये विरोध प्रदर्शन खुद को बचाने की कोशिश है, क्योंकि वक्फ बोर्ड अब इन कब्जों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करने जा रहा है।
मध्यप्रदेश में हैं 15,008 वक्फ संपत्तियां, अधिकतर पर कब्जा
पटेल ने जानकारी दी कि राज्य में कुल 15,008 वक्फ संपत्तियां हैं, जिनमें से अधिकांश पर अवैध कब्जा है। उन्होंने कहा, “कानून आ चुका है, अब काम भी शुरू हो गया है। हमने 2000 से अधिक ऐसे लोगों की पहचान कर ली है जिन्हें नोटिस भेजे जाएंगे।” उन्होंने यह भी बताया कि वक्फ बोर्ड अब सरकार और प्रशासन से भी सहयोग लेकर कब्जे हटाने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ेगा।
सबसे बड़ा रिकवरी केस कांग्रेस नेता रियाज खान के खिलाफ
संवर पटेल ने यह भी खुलासा किया कि राज्य में अब तक जितने रिकवरी रिक्वेस्ट केस (RRC) जारी किए गए हैं, उनमें सबसे बड़ा मामला कांग्रेस नेता रियाज खान के खिलाफ है, जिसकी राशि 7.11 करोड़ रुपये है। उन्होंने दावा किया कि जैसे ही 2000 लोगों की पूरी सूची सार्वजनिक होगी, यह साफ हो जाएगा कि उनमें से अधिकांश कांग्रेस पार्टी से संबंध रखते हैं।
कांग्रेस ने बताया विभाजन की राजनीति
वहीं दूसरी ओर, कांग्रेस नेता स्वदेश शर्मा ने वक्फ संशोधन अधिनियम को बीजेपी की “विभाजनकारी राजनीति” करार दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह कानून लाकर सरकार वक्फ की जमीनें अपने पसंदीदा उद्योगपतियों को देना चाहती है। शर्मा ने कहा कि बीजेपी का ‘अबकी बार 400 पार’ नारा इसी एजेंडा के लिए था, ताकि एयरपोर्ट्स, रेलवे स्टेशनों की तरह अब दान में दी गई वक्फ संपत्तियां भी बेची जा सकें। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को इन संपत्तियों को किसी को देने का नैतिक या कानूनी अधिकार नहीं है।
राजधानी में मुस्लिम समुदाय का विरोध प्रदर्शन
इस मुद्दे पर मुस्लिम समाज में भी नाराजगी देखने को मिली। मध्यप्रदेश मुस्लिम त्योहार कमेटी के बैनर तले बड़ी संख्या में लोगों ने राजधानी भोपाल के इकबाल मैदान के पास वक्फ संशोधन अधिनियम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने अधिनियम को तुरंत वापस लेने की मांग की और सरकार पर धार्मिक आधार पर भेदभाव का आरोप लगाया।
क्या है वक्फ संशोधन अधिनियम?
गौरतलब है कि वक्फ संशोधन अधिनियम वर्ष 2013 में पारित किया गया था, जिसका उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के बेहतर प्रबंधन और नियंत्रण को सुनिश्चित करना है। यह अधिनियम वक्फ बोर्ड को अधिकार देता है कि वह वक्फ की संपत्तियों पर कब्जा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई कर सके और इन संपत्तियों का उपयोग मुस्लिम समुदाय के सामाजिक, धार्मिक और शैक्षिक विकास के लिए कर सके।