महाकाल की नगरी में राजनीतिक तूफान, BJP विधायक गोलू शुक्ला के खिलाफ प्रदर्शन, कांग्रेस ने की कार्रवाई की मांग

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By Abhishek SinghPublished On: July 23, 2025

उज्जैन में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने महाकाल मंदिर के प्रशासक कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने मांग की कि इंदौर-3 से भाजपा विधायक गोलू शुक्ला के बेटे रुद्राक्ष को गिरफ्तार कर जेल भेजा जाए। साथ ही, उन्होंने महाकाल मंदिर के प्रशासक से इस्तीफे की भी मांग की। मामला श्रावण माह के दूसरे सोमवार का है, जब भस्म आरती के दौरान विधायक शुक्ला और उनके पुत्र रुद्राक्ष कथित रूप से मंदिर के गर्भगृह में जबरन प्रवेश कर गए थे।

कांग्रेस कार्यकर्ताओं का आरोप है कि मंदिर के गर्भगृह में जबरन प्रवेश कर आचार संहिता का उल्लंघन किया गया है। उनका कहना है कि इस मामले में महाकाल मंदिर के प्रशासक तत्काल पद से इस्तीफा दें और विधायक के पुत्र के खिलाफ त्वरित गिरफ्तारी एवं कानूनी कार्रवाई की जाए। साथ ही, उन्होंने यह भी मांग उठाई कि यह स्पष्ट किया जाए कि विधायक को गर्भगृह में प्रवेश की अनुमति आखिर किस अधिकारी ने दी।

प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस की एक महिला कार्यकर्ता ने तीखा सवाल उठाते हुए कहा कि क्या अब महाकाल मंदिर बीजेपी नेताओं की निजी संपत्ति बन गया है? उन्होंने आरोप लगाया कि मंत्री, विधायक और उनके परिजन गर्भगृह में प्रवेश कर सकते हैं, जबकि आम श्रद्धालुओं के लिए वहां जाना पूरी तरह प्रतिबंधित है।

प्रशासनिक सुस्ती से बढ़ा असंतोष

नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष रवि राय ने कहा कि हम मंदिर समिति के सदस्यों से यह अपील करने आए हैं कि बीजेपी विधायक और उनके पुत्र द्वारा गर्भगृह में जबरन प्रवेश कर वहां मौजूद अधिकारियों और पुजारियों से अभद्रता करना न केवल अनुचित है, बल्कि निंदनीय भी है। ऐसे व्यक्तियों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए और उनके खिलाफ कानूनी मामला दर्ज किया जाए।

यह वही विधायक पुत्र हैं, जिन्होंने देवास के मां चामुंडा के दरबार में रात 12:30 बजे मंदिर खुलवाया था और पुजारी के साथ धक्का-मुक्की की था। उस मामले में देवास जिला प्रशासन ने तत्काल एफआईआर दर्ज की थी, लेकिन इस बार उज्जैन जिला प्रशासन कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर रहा है।

हमारी मांग है कि जांच समिति में केवल निष्पक्ष और स्वतंत्र व्यक्तियों को शामिल किया जाए। पिछली बार भी एक समिति का गठन तो हुआ था, लेकिन वह महज औपचारिकता साबित हुई और उसका कोई ठोस परिणाम सामने नहीं आया।

हमारी स्पष्ट मांग है कि किसी भी नई जांच समिति में निष्पक्ष और विश्वसनीय व्यक्तियों को ही शामिल किया जाए। पिछली बार भी एक समिति का गठन केवल औपचारिकता के लिए किया गया था, लेकिन वह किसी ठोस निष्कर्ष तक नहीं पहुंच सकी।

गर्भगृह में प्रवेश पर उठे सवाल

करीब दो साल पहले महाकाल मंदिर की देहरी तक पहुंचने को लेकर कांग्रेस नेता और पूर्व पार्षद माया त्रिवेदी के खिलाफ मंदिर समिति ने एफआईआर दर्ज करवाई थी। माया त्रिवेदी ने कहा कि एक समय ऐसा भी आया जब मुझे मंदिर की देहरी तक जाने की भी अनुमति नहीं दी गई। मुझे धरने पर बैठना पड़ा, तभी मुझे जल अर्पण करने की इजाज़त मिली। इतना सख्त रवैया अपनाया गया, और जब उन्हें यह पता चला कि मैं कांग्रेस से हूं, तो मुझे रोक दिया गया।

उन्होंने तीखा आरोप लगाते हुए कहा कि ऐसा प्रतीत होता है जैसे महाकाल मंदिर पर अब भाजपा का एकाधिकार हो गया है। केवल भाजपा के मंत्री, विधायक और उनके परिजनों को ही गर्भगृह में प्रवेश की अनुमति दी जाती है, जबकि आम श्रद्धालुओं के लिए यह मार्ग पूरी तरह बंद कर दिया गया है।