मध्य प्रदेश सरकार ने महिलाओं को रात के समय भी कार्यस्थलों पर काम करने की सशर्त अनुमति देने का महत्वपूर्ण फैसला लिया है। अब महिलाएं शॉपिंग मॉल, बाजार, फैक्ट्रियों और प्रोडक्शन यूनिट्स में रात्रि पाली में काम कर सकेंगी। हालांकि, इसके लिए कुछ शर्तें निर्धारित की गई हैं, जिनमें सबसे अहम है कि महिला कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना संबंधित नियोक्ताओं की जिम्मेदारी होगी।
इस फैसले को लेकर राज्य सरकार ने अधिसूचना भी जारी कर दी है। सरकार का कहना है कि यह कदम महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में सहायक होगा, साथ ही उद्योग जगत को भी अपने संचालन का दायरा बढ़ाने का अवसर मिलेगा।

महिला कर्मचारियों के लिए ये इंतज़ाम अनिवार्य
- कम से कम 5 महिलाएं ड्यूटी पर रहें।
- कार्यस्थल पर स्वच्छ टॉयलेट, पेयजल, विश्राम कक्ष और भोजन की व्यवस्था।
- कार्यस्थल पर ‘लैंगिक उत्पीड़न निवारण अधिनियम’ का पालन अनिवार्य।
- महिला कर्मचारी की लिखित सहमति लेनी होगी।
- यदि ठहरने की सुविधा है, तो महिला वार्डन की निगरानी।
- महिला कर्मचारी की लिखित सहमति लेनी होगी।
- प्रवेश और निकास बिंदुओं पर महिला सुरक्षा गार्ड और CCTV कैमरे।
महिलाओं की नाइट शिफ्ट में सुरक्षा सर्वोपरि
श्रम विभाग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार, रात्रिकालीन शिफ्ट में शॉप्स और शोरूम्स में काम करने के लिए महिला कर्मचारियों की संख्या कम से कम 5 होनी चाहिए। वहीं, कारखानों के लिए रात्रिकालीन कार्य का समय रात 8 बजे से सुबह 6 बजे तक तय किया गया है। अगर फैक्ट्रियों या प्रोडक्शन यूनिट्स में महिलाएं रात की शिफ्ट में काम कर रही हों, तो हर शिफ्ट में कम से कम एक-तिहाई महिला सुपरवाइजर, शिफ्ट इंचार्ज या फोरमैन की मौजूदगी अनिवार्य होगी, ताकि कार्यस्थल पर निगरानी और सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।