एमपी के इस शहर में लगा प्रदेश का पहला ओपन ऑक्सीजन स्टेशन, लोगों को मिलेगी फ्री एंट्री

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By Srashti BisenPublished On: June 3, 2025
MP News

विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर राजधानी भोपाल में पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक नई पहल की गई है। डीबी मॉल में राज्य का पहला ओपन ऑक्सीजन स्टेशन स्थापित किया गया है, जिसे ‘जंगल वास’ संस्था द्वारा तैयार किया गया है।

यह स्टेशन पूरी तरह से आम जनता के लिए निःशुल्क है और इसे देखने व अनुभव करने का मौका 1 जून से 5 जून तक दोपहर 12 बजे से रात 8 बजे तक मिलेगा।

ऑक्सीजन स्टेशन

एमपी के इस शहर में लगा प्रदेश का पहला ओपन ऑक्सीजन स्टेशन, लोगों को मिलेगी फ्री एंट्री

‘जंगल वास’ की संस्थापक और पर्यावरणविद् डॉ. साक्षी भारद्वाज के अनुसार, ऑक्सीजन स्टेशन एक जीवंत और सतत पारिस्थितिक प्रणाली है, जिसे जैव विविधता और पर्यावरणीय स्थिरता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से डिजाइन किया गया है। इसमें कंपोस्ट जैसी जैविक और टिकाऊ सामग्री का उपयोग किया जाता है, जो रसोई के कचरे और सूखी पत्तियों से तैयार होती है। यह स्टेशन न केवल ऑक्सीजन का प्राकृतिक स्रोत है, बल्कि शहरी क्षेत्रों में हरियाली को बढ़ाने का एक अभिनव प्रयास भी है।

हजारों पौधों की प्रजातियां एक ही जगह

इस ऑक्सीजन स्टेशन में 10 से लेकर 1000 तरह की पौधों की प्रजातियां लगाई जाती हैं। इनमें से कई पौधे हवा को शुद्ध करने की क्षमता रखते हैं, कुछ खाने योग्य हैं और कुछ केवल सजावटी होते हैं। डीबी मॉल में लगाए गए पौधों को भारत सहित दुनियाभर से चुनकर लाया गया है, जिन्हें विशेष रूप से इनडोर और आउटडोर उपयोग के लिए तैयार किया गया है। इन पौधों को ‘हैंडपिक्ड’ कहा जा सकता है, यानी बारीकी से चयनित।

हर कोई बना सकता है अपना ऑक्सीजन जोन

डॉ. साक्षी का मानना है कि इस मॉडल की खास बात यही है कि इसे किसी भी आम व्यक्ति द्वारा घर की छत, बालकनी, कैफे, ऑफिस या पेंटहाउस में भी अपनाया जा सकता है। यह सिर्फ पौधे लगाने तक सीमित नहीं, बल्कि यह एक ऐसा स्थान होता है जहां मनुष्य प्रकृति से दोबारा जुड़ने का अनुभव करता है। यह न केवल मानसिक शांति देता है, बल्कि वायुमंडल को भी स्वच्छ बनाता है।

कैसे तैयार होता है ऑक्सीजन स्टेशन

‘जंगल वास’ की टीम जब किसी स्थान पर ऑक्सीजन स्टेशन लगाना चाहती है, तो सबसे पहले उस स्थान का निरीक्षण करती है। इसके बाद उस क्षेत्र की संरचना और सूरज की रोशनी के अनुसार स्टेशन का डिज़ाइन तैयार किया जाता है। फिर पौधों का चयन किया जाता है – फलदार, सजावटी या शुद्धिकरण क्षमता वाले पौधे। यह पूरी प्रक्रिया ग्राहक की पसंद और जरूरत के अनुसार कस्टमाइज की जाती है।

जंगल वास की उपलब्धियां

‘जंगल वास’ संस्था अब तक भारत में 6 मिनी फॉरेस्ट स्थापित कर चुकी है। 2021 में इस संस्था को OMG बुक ऑफ नेशनल अवॉर्ड्स से सम्मानित किया गया और 2024 में इसने भारत का प्रतिनिधित्व अंतरराष्ट्रीय मंच COP29 (बाकू, अजरबैजान) में किया। यह उपलब्धि संस्था के समर्पण और दूरदृष्टि को दर्शाती है।

कौन हैं पर्यावरणविद् साक्षी भारद्वाज?

भोपाल निवासी डॉ. साक्षी भारद्वाज माइक्रोबायोलॉजी में पीएचडी हैं और वर्ष 2018-19 के दौरान उन्होंने 450 से अधिक प्रजातियों के लगभग 6000 पौधे रोपे। अब तक वे छह मिनी जंगलों की स्थापना कर चुकी हैं। उन्हें मध्यप्रदेश राज्य युवा पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है और वे स्वच्छता भोपाल अभियान की ब्रांड एंबेसडर भी हैं। इसके अतिरिक्त, वे संयुक्त राष्ट्र की वार्षिक पर्यावरण कांफ्रेंस COP29 में भारत का प्रतिनिधित्व भी कर चुकी हैं।

डॉ. साक्षी कहती हैं कि यह केवल एक हरित पहल नहीं, बल्कि यूनिसेफ जैसे वैश्विक संगठनों द्वारा समर्थित एक उदाहरण है कि कैसे हर व्यक्ति पर्यावरण के लिए कुछ कर सकता है। आने वाले समय में ऑक्सीजन स्टेशन न केवल शहरी जीवनशैली का हिस्सा बनेंगे, बल्कि एक संभावित व्यवसायिक मॉडल भी बन सकते हैं, जहां लोग शुद्ध हवा के साथ आत्मिक शांति भी पा सकेंगे।