MP News : मध्यप्रदेश की मोहन सरकार पर कर्ज का बोझ लगातार बढ़ता जा रहा है। इस बार, राज्य सरकार ने 6000 करोड़ रुपये का नया कर्ज लिया है। यह कर्ज पिछले महीने, 18 फरवरी को ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (GIS) से पहले लिया गया कर्ज के महज 15 दिन बाद लिया गया है। मंगलवार को रिजर्व बैंक के मुंबई कार्यालय के जरिए राज्य सरकार ने बाजार से यह कर्ज लिया है। यह कदम वित्तीय संकट और राज्य की आर्थिक स्थिति को लेकर बढ़ते सवालों को जन्म दे रहा है।
इस वित्तीय वर्ष में, मध्यप्रदेश सरकार ने अब तक कुल 41 हजार करोड़ रुपये का कर्ज लिया था। और इस नए कर्ज को मिलाकर यह राशि 47 हजार करोड़ रुपये तक पहुँच जाएगी। इस कर्ज से राज्य के कुल कर्ज का आंकड़ा अब 4.22 लाख करोड़ रुपये हो गया है, जबकि राज्य का कुल बजट 3.65 लाख करोड़ रुपये का है। यह स्थिति दर्शाती है कि राज्य सरकार पर कर्ज का भारी दबाव है।

ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट से पहले कर्ज लिया गया था
ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (GIS) के आयोजन से पहले, 20 फरवरी को राज्य सरकार ने 6 हजार करोड़ रुपये का कर्ज लिया था। यह कर्ज 12, 15 और 23 साल की अवधि के लिए लिया गया था। इस कर्ज की खास बात यह थी कि इसे दीर्घकालिक अवधि के लिए लिया गया था, जो आने वाले वर्षों में सरकार की वित्तीय स्थिति को प्रभावित कर सकता है।
कर्ज के बढ़ते आंकड़े और सरकार की वित्तीय स्थिति
मध्यप्रदेश सरकार के कर्ज की स्थिति गंभीर होती जा रही है। साल 2025 की शुरुआत में, सरकार ने 5 हजार करोड़ रुपये का कर्ज लिया था। अब, मार्च में 6 हजार करोड़ रुपये का कर्ज और लिया गया है। यह संकेत देता है कि राज्य सरकार को आने वाले महीनों में अपनी वित्तीय जिम्मेदारियों को पूरा करने के लिए और कर्ज की आवश्यकता हो सकती है।