इंदौर में नई रेलवे बिल्डिंग के निर्माण कार्य की औपचारिक शुरुआत हो चुकी है। निर्माण स्थल पर लगे पेड़ों की कटाई नगर निगम से अनुमति लेकर की जा रही है। मंगलवार को सांसद शंकर लालवानी की उपस्थिति में ठेकेदार कंपनी द्वारा कार्य को विधिवत रूप से शुरू किया जाएगा। इस परियोजना का भूमिपूजन लोकसभा चुनाव से पहले संपन्न हो चुका है। लगभग ₹400 करोड़ से अधिक की लागत से यह अत्याधुनिक बिल्डिंग तैयार की जाएगी।
इस भवन के निर्माण को अगले तीन वर्षों में पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। हालांकि हाल ही में नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने परियोजना की समय-सीमा पर चिंता जताई थी। एक बैठक के दौरान उन्होंने उल्लेख किया कि तीन साल बाद उज्जैन में सिंहस्थ मेला आयोजित होगा, जिसमें भारी भीड़ इंदौर होते हुए उज्जैन पहुंचेगी। यदि निर्माण कार्य समय पर पूरा नहीं हुआ, तो अधूरी व्यवस्थाओं के चलते श्रद्धालुओं को असुविधा का सामना करना पड़ सकता है।

पिछले दो दिनों से स्टेशन परिसर में पेड़ों को हटाने का कार्य जारी है, जिसमें अब तक दस से अधिक पेड़ों को जड़ से काटा जा चुका है। रेलवे विभाग ने निर्माण कार्य को चरणबद्ध तरीके से शुरू करने की योजना बनाई है, ताकि ट्रेनों का नियमित संचालन बाधित न हो। पहले चरण में 60 मीटर क्षेत्र में निर्माण कार्य किया जाएगा। इस हिस्से का काम पूरा होने के बाद दूसरे चरण की शुरुआत की जाएगी। मंगलवार से पुरानी इमारत को ध्वस्त करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
दूसरे चरण की योजना पांच साल बाद
रेलवे स्टेशन के दूसरे चरण का निर्माण कार्य पांच वर्षों के बाद शुरू किया जाएगा। पूरे स्टेशन की योजना भविष्य की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए तैयार की गई है, जो अगले पचास वर्षों की संभावित जरूरतों को पूरा करने में सक्षम होगी। भविष्य में इस स्टेशन को पार्क रोड स्टेशन से भी जोड़े जाने की योजना है। साथ ही, रेलवे रिजर्वेशन कार्यालय और कर्मचारियों के आवासीय क्षेत्र को भी स्टेशन परिसर का हिस्सा बनाया जाएगा।
खड़ी होगी 7 मंजिला इमारत
रेलवे स्टेशन की नई इमारत कुल सात मंजिला होगी, जिसमें बेसमेंट में पार्किंग की सुविधा उपलब्ध रहेगी। इस पार्किंग क्षेत्र में लगभग 500 चार पहिया वाहनों के खड़े होने की क्षमता होगी। स्टेशन पर कुल 26 लिफ्ट लगाई जाएंगी ताकि यात्रियों को सुगमता से आवाजाही मिल सके। नए स्टेशन की कनेक्टिविटी मेट्रो स्टेशन से भी सुनिश्चित की जाएगी।
सांसद शंकर लालवानी ने जानकारी दी कि मुख्य रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास का कार्य सिंहस्थ मेले से पहले पूरा कर लिया जाएगा। प्लेटफॉर्म निर्माण के दौरान कुछ ट्रेनों का संचालन मुख्य स्टेशन की बजाय लक्ष्मीबाई नगर रेलवे स्टेशन से किया जाएगा।