ऑक्सीजन बॉक्स बनेगा रालामंडल, एक किलोमीटर तक रहेगा नो कंस्ट्रक्शन जोन

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By Abhishek SinghPublished On: July 18, 2025

रालामंडल अभ्यारण्य क्षेत्र में आवासीय भूमि उपयोग के लिए प्रस्तावित नियोजन मापदंडों पर चर्चा के उद्देश्य से संभागायुक्त दीपक सिंह की अध्यक्षता में ईको सेंसिटिव ज़ोन समिति की बैठक आयोजित की गई। यह बैठक इंदौर विकास प्राधिकरण (IDA) के सभाकक्ष में संपन्न हुई।

ग्रीन कॉरिडोर से जुड़ी योजनाओं को मिल रही गति

संभागायुक्त दीपक सिंह ने रालामंडल अभ्यारण्य के संरक्षण की महत्ता पर जोर देते हुए कहा कि यह क्षेत्र इंदौर जैसे बड़े शहर के लिए ‘ऑक्सीजन बॉक्स’ की भूमिका निभा सकता है। उन्होंने निर्देश दिए कि अभ्यारण्य की पहाड़ियों को आपस में जोड़ते हुए ग्रीन कॉरिडोर विकसित किया जाए, जिससे वन्यजीवों का प्राकृतिक आवास सुरक्षित रहे और वे निर्बाध रूप से विचरण कर सकें।

प्राकृतिक संतुलन के अनुरूप तय होंगे भूमि उपयोग के नियम

बैठक के दौरान यह जानकारी दी गई कि ईको सेंसिटिव ज़ोन के अंतर्गत बनाए गए नियोजन मापदंडों के अनुसार प्रत्येक भूखंड का न्यूनतम आकार 500 वर्गमीटर निर्धारित किया गया है। निर्माण की सीमा अधिकतम 15% रखी गई है, जबकि भवन की ऊंचाई 12.5 मीटर से अधिक नहीं हो सकेगी। साथ ही, कम से कम 10% भूमि क्षेत्र को खुला छोड़ना अनिवार्य होगा। इन दिशा-निर्देशों का उद्देश्य पर्यावरण संतुलन बनाए रखना और विकास कार्यों को पारिस्थितिक दृष्टि से अनुकूल बनाना है।

उच्चस्तरीय बैठक में लिए गए अहम फैसले

बैठक में मुख्य वन संरक्षक पी.एन. मिश्रा, अपर कलेक्टर गौरव बैनल, पीएचई विभाग के मुख्य अभियंता संजय कुमार, नगर एवं ग्राम निवेश के संयुक्त संचालक सुभाषीश बेनर्जी, संयुक्त कलेक्टर सुप्रिया पटेल, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी एस.एन. द्विवेदी, वन विभाग के एसडीओ योहन कटारा सहित अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।

स्थल निरीक्षण के लिए विभागों को दिए गए निर्देश

संभागायुक्त दीपक सिंह ने नगर एवं ग्राम निवेश, इंदौर विकास प्राधिकरण (आईडीए), नगर निगम, वन विभाग, राजस्व विभाग और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे सामूहिक रूप से फील्ड विजिट कर प्रस्तावित ग्रीन कॉरिडोर की योजना तैयार करें। उन्होंने यह भी स्पष्ट रूप से कहा कि ईको सेंसिटिव ज़ोन की सीमा से एक किलोमीटर के भीतर घनी शहरी विकास गतिविधियों की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।