प्रोजेक्ट Cy-Cops का पांचवा चरण संपन्न, शिक्षकों को सिखाये साइबर अपराधों एवं उनसे बचने के उपाय, यहां पढ़े

डॉ. वरुण कपूर, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक आरएपीटीसी, इंदौर द्वारा साइबर सुरक्षा शिक्षा अभियान के तहत शहर के विभिन्न प्रमुख स्कूलों के शिक्षकों को साइबर सुरक्षा में प्रशिक्षित कर उन के माध्यम से विद्यार्थियों को ज्यादा से ज्यादा संख्या में लाभान्वित करने के उद्देश्य से अगस्त 2021 से लगातार प्रतिमाह दो दिवसीय विशेष प्रोजेक्ट Cy-Cops आरएपीटीसी, इंदौर में प्रारंभ किया गया है । इस प्रोजेक्ट के तहत अभी तक आयोजित 4 चरणों में कुल 41 स्कूलों के 170 शिक्षकों को विशेष टीम द्वारा प्रशिक्षित किया जा चुका है।

इस विशेष प्रोजेक्ट Cy-Cops के तहत वर्ष -2022 मैं दिनांक 11.01.2022 को पांचवें चरण के दो दिवसीय कार्यक्रम प्रारंभ किया गया है। इस पांचवें चरण में चोइथराम इंटरनेशनल स्कूल, सैंट नॉरबर्ट स्कूल, शासकीय मालव नवीन गर्ल्स स्कूल, जी.डी. गोयंका स्कूल, इंदौर पब्लिक स्कूल, स्वामी विवेकानंद शासकीय आदर्श हा.से. स्कूल, प्रेस्टीज पब्लिक स्कूल, द न्यू एरा पब्लिक स्कूल, एम.पी. पब्लिक स्कूल, विद्यासागर स्कूल इत्यादि 10 स्कूलों के 36 शिक्षकों ने भाग लिया । इस प्रोजेक्ट Cy-Cops का मुख्य उद्देश दिन-प्रतिदिन बढ़ते साइबर अपराधों की रोकथाम एवं उनसे बचाव हेतु जागरूकता लाने के लिए ज्यादा से ज्यादा शिक्षकों के प्रशिक्षित करना है ताकि उन के माध्यम से बच्चों को साइबर अपराधों एवं उनसे सुरक्षा के गुण सिखाई जा सके । इस प्रशिक्षण में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने वाले शिक्षकों मयूर जेठानी-चोइथराम इंटरनेशनल स्कूल, इंदौर एवं अन्नपूर्णा कुलकर्णी-प्रेस्टीज पब्लिक स्कूल, इंदौर को प्रशिक्षण के समापन पर डॉ. वरुण कपूर द्वारा हर बार की तरह गोल्डन बैंज से सम्मानित किया गया ।

प्रोजेक्ट Cy-Cops का पांचवा चरण संपन्न, शिक्षकों को सिखाये साइबर अपराधों एवं उनसे बचने के उपाय, यहां पढ़े

प्रोजेक्ट Cy-Cops का पांचवा चरण संपन्न, शिक्षकों को सिखाये साइबर अपराधों एवं उनसे बचने के उपाय, यहां पढ़े

आज के प्रोजेक्ट Cy-Cops के प्रारंभिक सत्र मैं साइबर क्राइम के विशेषज्ञ डॉ. वरुण कपूर-अति. पुलिस महानिदेशक, आरएपीटीसी, इंदौर द्वारा सायबर अपराधों एवं उनसे बचाव के संबंध में जानकारी दी गई तथा प्रशिक्षण दल के एक अन्य सदस्य सुरक्षा विशेषज्ञ अक्षय कुमार जाधव द्वारा इस पांचवें चरण में सम्मिलित शिक्षकों को सोशल मीडिया संबंधी अपराध एवं उनसे बचाव के तरीकों के बारे में प्रशिक्षित किया गया ।